मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) सोमवार से एक नए जिंस का वायदा कारोबार शुरू करने जा रहा है। यानी उस दिन से एमसीएक्स में कोटा के मशहूर धनिया (बादामी) का वायदा कारोबार किया जा सकेगा।
एक्सचेंज में सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के कॉन्ट्रैक्ट उपलब्ध होंगे और इसकी डिलिवरी कोटा और रामगंज में ली जा सकेगी। एमसीएक्स में शुरू होने वाले कॉन्ट्रैक्ट की ट्रेडिंग इकाई 10 टन, टिक साइज एक रुपये, दैनिक भाव सीमा 3 फीसदी और शुरुआती मार्जिन 7 फीसदी तय की गई है।
एमसीएक्स के सूत्रों ने यह जानकारी दी। टिक साइज का मतलब है – इसकी कीमत में उतारचढ़ाव कम से कम एक रुपये या इसके गुणक में हो सकता है। भाव सीमा का तात्पर्य है तीन फीसदी की बढ़ोतरी या कमी होने पर सर्किट लगा दिया जाएगा और इस तरह कारोबार रोक दिया जाएगा।
कारोबारी सूत्रों के मुताबिक, दरअसल पिछले कुछ महीने में धनिया की कीमत लगभग दोगुनी हो गई है। मार्च महीने में इसकी कीमत 40 रुपये प्रति किलो थी, जो फिलहाल 80-85 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। ऐसे में धनिया के कारोबार से जुड़े व्यापारियों और निवेशकों के लिए एमसीएक्स मौका उपलब्ध करा रहा है, यानी यहां वे हेजिंग कर हाजिर बाजार में इसकी कीमत में होने वाले उतारचढ़ाव से होने वाले जोखिम को कम कर सकते हैं।
कोटा हाजिर मंडी में बुधवार को धनिया (बादामी) की कीमत 85 रुपये प्रति किलो रही जबकि ईगल क्वॉलिटी 87 रुपये प्रति किलो। कोटा स्थित फालोडी ट्रेडर्स के मालिक महावीर गुप्ता ने बताया कि इस साल धनिया की किल्लत होने के पूरे आसार हैं। उन्होंने कहा कि कुल स्टॉक 15 लाख बोरी का है और हर महीने 5 लाख बोरी धनिया की खपत होती है। उन्होंने बताया कि नई फसल छह महीने बाद आएगी, ऐसे में धनिया की किल्लत से अगस्त-सितंबर तक कीमतें 125 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाएगी। गुप्ता ने कहा कि महाराष्ट्र के लातूर में धनिया की बुआई नहीं हो पाई है जबकि आंध्र प्रदेश में भी इसमें काफी देरी हो रही है।
उधर, रामगंज हाजिर मंडी में भी धनिया का भाव कमोबेश ऐसा ही था। रामगंज मंडी में बिकने वाला धनिया अच्छी क्वॉलिटी का होता है। पूरे देश की मंडियों में धनिया का कुल कारोबार 2000 करोड़ रुपये का है। एमसीएक्स के सूत्रों ने बताया कि वायदा कारोबार शुरू होने के बाद एमसीएक्स में धनिया का कुल कारोबार रोजाना 30-35 करोड़ रुपये का होगा। दुनिया भर में भारत धनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है। वैसे बुल्गारिया, रोमानिया, पूर्व सोवियत संघ के देशों, ऑस्ट्रेलिया, ईरान, मोरक्को और कनाडा में भी धनिया की पैदावार होती है।
पिछले सीजन में भारत में कुल 3.2 लाख टन धनिया का उत्पादन हुआ था। इस उत्पादन में से 10-15 फीसदी का निर्यात कर दिया जाता है। ज्यादातर धनिया खाड़ी देशों को भेजा जाता है। भारत में राजस्थान में देश के कुल उत्पादन का 65 फीसदी पैदा होता है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और बिहार में इसका उत्पादन होता है।
धनिया के कुल उत्पादन का 70 फीसदी हिस्सा मसाले के रूप में इस्तेमाल होता है। पूरी दुनिया में 85 हजार से एक लाख टन धनिया का कारोबार होता है। भारत, मोरक्को, तुर्की, ईरान, चीन और सोमालिया धनिया के मुख्य निर्यातक देश हैं। भारत में कोटा, रामगंज, जयपुर, बारां, नीमच, मंदसौर, गुना आदि धनिया की प्रमुख मंडियां हैं। बादामी, ईगल, स्कूटर और पैरट धनिया की प्रीमियम क्वॉलिटी मानी जाती है।