कोल इंडिया की अन्य इकाई सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) ने घोषणा की है कि वह वर्तमान वित्तीय वर्ष में दो नई कोयला खदानों को चालू करने की योजना बना रही है, जिससे इसकी उत्पादन क्षमता 10-12 मिलियन टन प्रति वर्ष तक बढ़ सकती है। CCL के CMD निलेंदु कुमार सिंह ने बताया कि हमने इस साल दो नई खदानें शुरू करने की योजना बनाई है।
इनमें से एक Kotre Basantpur ब्लॉक (कोकिंग कोल खदान) है, जिसकी शीर्ष क्षमता 5 मिलियन टन होगी और उत्पादन अक्टूबर 2025 तक शुरू हो सकता है। दूसरी खदान Chandragupt ओपन कास्ट प्रोजेक्ट (गैर-कोकिंग कोल) है, जिसकी 15 MTPA क्षमता है और इसका उत्पादन मार्च 2026 तक शुरू होने की उम्मीद है।
FY25 में कंपनी ने 87.5 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया, जो अब तक का सबसे अधिक उत्पादन है। CMD ने कहा कि 2030 तक 150 मिलियन टन लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अभी से तैयारी शुरू करनी होगी।
CCL वर्तमान में 14 कमांड क्षेत्रों में 35 ओपन-कास्ट और 3 अंडरग्राउंड खदानें चला रही है, जो झारखंड के आठ ज़िलों में फैली हुई हैं। इसके अतिरिक्त, कंपनी अगले 2-3 वर्षों में चार नई वाशरियों (coal washeries) को शुरू करने की योजना पर भी काम कर रही है, जिनकी कुल क्षमता लगभग 14 मिलियन टन होगी। फिलहाल CCL की पांच वाशरियां संचालित हैं – जिनमें चार कोकिंग कोल और एक नॉन-कोकिंग कोल की हैं।