संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। इस दौरान विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। विपक्ष आर्थिक मंदी के अलावा व्यापार एवं आव्रजन पर अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नीतियों के प्रभाव, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस पर भारत की तैयारियों और डीपसीक के अचानक उभरने से चीन की स्थिति जैसे तमाम मुद्दों पर सरकार से जवाब मांग सकता है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार को भगदड़ के कारण हुई मौत पर चर्चा की मांग भी उठाई जा सकती है। हालांकि यह राज्य का विषय है, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने सरकार पर संसदीय समितियों का राजनीतिकरण करने और बहुमत का इस्तेमाल करते हुए अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने कुंभ मेले का राजनीतिकरण किया है। विपक्षी दलों ने आम आदमी की जान की कीमत पर वीआईपी संस्कृति को बढ़ावा दिए जाने की आलोचना भी की है।
बजट सत्र के लिए सरकार ने 16 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है जिनमें 3 नए विधेयक शामिल हैं। नए विधेयकों में एक आव्रजन एवं विदेशी नागरिक विधेयक भी शामिल है। संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आर्थिक समीक्षा प्रस्तुत किए जाने के साथ सत्र की शुरुआत होगी। सरकार को मध्यवर्ग पर कर बोझ के बारे में न केवल विपक्ष बल्कि भाजपा सांसदों की ओर से भी सवालों का सामना करना पड़ सकता है। भाजपा सांसद कंगना रनौत और सुरेश कुमार कश्यप के सवाल भी सूचीबद्ध हैं।
भाजपा के ही भर्तृहरी महताब और बलभद्र माझी ने उद्योगवार कर लाभ और आर्थिक विकास पर उसका ब्योरा मांगा है। साथ ही उन्होंने देश में विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए ऐपल, गूगल और टेस्ला जैसी विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए सरकार द्वारा संभावित प्रोत्साहनों के बारे में भी जानकारी मांगी है। बजट सत्र 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा और उसके बाद बजट प्रस्तावों की जांच के लिए अवकाश होगा। सत्र 10 मार्च को दोबारा शुरू होगा और 4 अप्रैल तक चलेगा।