संप्रग सरकार के शासन के चार साल पूरे होने पर और लोकसभा चुनावों के मोड़ में प्रवेश करने पर केंद्र सरकार ने तोहफों और घोषणाओं की लड़ी लगा दी।
एक ओर जहां इन घोषणाओं में गुजरात दंगा पीड़ितों के भुक्तभोगियों को याद किया गया तो केंद्रीय विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) छात्र-छात्राओं के दाखिले के लिए क्षमता विस्तार को लेकर भी फैसले लिए गए। इन सभी घोषणाओं में विभिन्न वर्गों को ध्यान में रखा गया और सबको कुछ न कुछ देने की कोशिश की गई।
ओबीसी को दाखिला
केन्द्रीय विश्वविद्यालयों और तकनीकी एवं प्रबंधन संस्थानों में अन्य पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए सीटें बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने 10,328.2 करोड़ रुपये के परिव्यय को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सीसीईए की बैठक में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के इस प्रस्ताव पर मुहर लगी।
बैठक के बाद वित्त मंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि केन्द्रीय विश्वविद्यालयों, तकनीकी एवं प्रबंधन शिक्षा संस्थानों की बुनियादी ढांचा विकास संबंधी व्यय वित्त समिति की सिफारिश पर यह फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि समिति ने इन संस्थानों में 54 प्रतिशत क्षमता विस्तार की सिफारिश की थी। चिदंबरम ने स्पष्ट किया कि क्षमता विस्तार इसीलिए किया जा रहा है ताकि खुली प्रतिस्पर्धा के जरिए आने वाले छात्र प्रवेश पाने से वंचित न रहे।
सेना के लिए मकान
कैबिनेट ने सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के चुनिन्दा रैंक में 118 पदों के उन्नयन के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी। साथ ही सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए 31 मार्च 2012 तक 67,000 मकान बनाने की 9,396 करोड़ रुपये की परियोजना को भी मंजूरी दी गई।
जमीन अधिग्रहण
भावी परमाणु बिजली परियोजनाओं को गति प्रदान करने के लिए भारतीय परमाणु विद्युत निगम के बोर्ड को भूखंड अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू करने का अधिकार देने का प्रस्ताव सरकार ने मंजूर कर लिया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में यह फैसला लिया गया।
बैठक के बाद वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बताया कि परियोजनाओं के लिए वित्तीय मंजूरी और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में काफी लंबा समय लग जाता है लेकिन आज के फैसले से अब दोनों प्रक्रियाएं साथ-साथ संचालित की जा सकेंगी और इसमें काफी समय बचेगा। उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव को राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति और रक्षा संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति ने भी मंजूरी दे दी है।
स्पंज आयरन का विलय
सरकार ने स्पंज आयरन इंडिया लिमिटेड के राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के साथ विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। उसने इसे जनहित में उठाया गया कदम बताया है।
चिदंबरम ने बताया कि स्पंज आयरन में सरकार की 98.71 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह मुनाफा कमाने वाली कंपनी है लेकिन सूचीबध्द नहीं है। उन्होंने बताया कि कंपनी ने 2006-07 से मुनाफा कमाना शुरू किया। इससे पहले सात साल तक वह नुकसान में रही थी। चिदंबरम ने कहा कि स्पंज आयरन के एनएमडीसी के साथ विलय की प्रक्रिया छह महीने में पूरी की जाएगी।
दंगा पीड़ितों को मदद
केन्द्र सरकार ने गुजरात में दंगा पीड़ितों को आर्थिक सहायता देने का फैसला किया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला किया गया। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बताया, ‘2002 में सांप्रदायिक दंगों में मारे गए 1,169 लोगों के परिजनों में से प्रत्येक को 3.5 लाख रुपये की अतिरिक्त आर्थिक मदद दी जाएगी। यह राशि राज्य सरकार द्वारा दी गई आर्थिक मदद के अलावा होगी।’
उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर मारे गए लोगों के परिजनों को 40.91 करोड़ रुपये का अनुदान केंद्र की ओर से मिलेगा। चिदंबरम ने कहा कि 2,548 घायलों में से प्रत्येक को 1.25 लाख रुपये की आर्थिक मदद केन्द्र की ओर से दी जाएगी। इसमें राज्य सरकार द्वारा मुहैया कराई जा चुकी राशि भी शामिल है। घायलों को 29.64 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।