अगले महीने 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश होने वाले बजट में रेलवे के लिए पूंजीगत व्यय बढ़ने की संभालना पर गुरुवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर रेलवे से जुड़ी कंपनियों के शेयर में 19 फीसदी तक की तेजी दर्ज की गई।
इरकॉन इंटरनैशनल, जुपिटर वैगन्स (जेडब्ल्यूएल), रेल विकास निगम (आरवीएनएल) टेक्समैको रेल ऐंड इंजीनियरिंग और रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के शेयर में 10 से 19 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। वहीं, टीटागढ़ वैगन्स, राइट्स, इंडियन रेलवे फाइैंस कॉरपोरेशन (आईआरएफसी) और रेटगेन ट्रैवल टेक्नोलॉजिज के शेयर 3 से 8 फीसदी के दायरे में चढ़े। इसके मुकाबले आज बीएसई सेंसेक्स 0.42 फीसदी चञ़कर 77,042.82 अंकों पर बंद हुआ।
खबरों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2026 के बजट में रेलवे के पूंजीगत व्यय में 20 फीसदी तक की वृद्धि होने की उम्मीद है। यह वित्त वर्ष 2025 के आवंटित 2.6 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2026 में 3 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। रेलवे के अनुमानों के मुताबिक आवंटित 2.65 लाख करोड़ रुपये में अब तक करीब 80 फीसदी खर्च पूरा कर दिया गया है और शेष रकम इस वित्त वर्ष में खर्च की जाएगी।
अधिक आवंटन नई पटरियां बिछाने, मौजूदा पटरियों को उन्नत बनाने और लोकोमोटिव, वैगन और कोच जैसी रोलिंग स्टॉक खरीदने के लिए खर्च किया जाएगा। लंबी दूरी तय करने वाले यात्रियों की सहूलियत के लिए रेलवे वंदे भारत स्लीपर ट्रेन भी शुरू करने जा रहा है। नैशनल हाईस्पीड रेल कॉर्प को वित्त वर्ष 2025 में 21,000 करोड़ रुपये दिए गए थे और महत्त्वपूर्ण गलियारों पर तेजी से बुनियादी ढांचे से जुड़े कार्यों को पूरा करने के लिए और अधिक रकम दिए जाने की भी उम्मीद है। वित्त वर्ष 2026 में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिये निवेश के लिए उच्च लक्ष्य की भी उम्मीद की जा रही है।
रेलवे देश में वैगन का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। वैगन के लिए नजरिया मुख्य तौर पर परिव्यय के लिए मांग और बजटीय आवंटन पर निर्भर करता है। रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स के मुताबिक, केंद्र सरकार देश के रेलवे बुनियादी ढांचे में सुधार लाने और पटरियों, रेल विद्युतीकरण, रोलिंग स्टॉक विनिर्माण और यात्री माल ढुलाई सेवाओं की तेजी से वृद्धि और उसे पूरा करने पर ध्यान दे रही है।
इस बीच, एलारा कैपिटल के विश्लेषकों का कहना है कि चुनावों के कारण पूंजीगत व्यय में सुस्ती (5 जनवरी, 2025 तक सकल बजटीय का 76 फीसदी खर्च) देखने को मिली थी। उसके बाद अब चालू वित्त वर्ष 2025 की की चौथी तिमाही में निवेश में तेजी आने की उम्मीद है।