सोमवार को अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री का कार्यभार संभाल रहे प्रणब मुखर्जी ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की।
मालूम हो कि पी. चिदंबरम के गृह मंत्रालय के कार्यभार संभालने के बाद वित्त मंत्रालय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जिम्मे था।
लेकिन उनकी तबीयत खराब होने की वजह से यह जिम्मेदारी प्रणब मुखर्जी संभाल रहे हैं।
प्रस्तुत है उसके प्रमुख अंश-
-वर्ष 2003-04 में सकल घरेलू बचत दर 29.8 फीसदी से बढ़कर 2007-08 में 30.7 फीसदी
-कच्चे तेल की कीमत में गिरावट। आपूर्ति पक्ष की बाधा दूर करने के लिए सरकार ने राजकोषीय मौद्रिक एवं प्रशासनिक उपाय किए
-हर साल खाद्यान्न उत्पादन में एक करोड़ टन की बढ़ोतरी। 2007-08 में 23 करोड़ टन का रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन
-कृषि क्षेत्र की वार्षिक वृध्दि दर 3.7 फीसदी
-विदेशी व्यापार जीडीपी के 23.7 फीसदी से बढ़कर 2007-08 में 35.5 फीसदी
-महंगाई दर घटकर 31 जनवरी 2009 को 4.4 फीसदी
-अनुमान के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति 2009 में 2008 के मुकाबले और खराब होगी
-औद्योगिक उत्पादन 2008 में साल दर साल आधार पर दो फीसदी गिरा
-भारत दुनिया की सबसे तेजी से विकास करने वाली दूसरी अर्थव्यवस्था बना। 2008-09 में जीडीपी विकास दर 7.1 फीसदी
-बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 100,000 करोड़ रुपये का निवेश
-अनुकूल आर्थिक माहौल ने विदेशी निवेशकों का विश्वास भारत में बढ़ाया है। इससे पूंजी प्रवाह बढ़ा है और विदेशी निवेश के लिए भारत अधिक उदार देश बना है। 2007-08 में 32.4 अरब अमेरिकी डॉलर एफडीआई हुआ आकर्षित
-निर्यात में 17.1 फीसदी की गिरावट। अप्रैल-नवंबर 2008 का एफडीआई 23.3 अरब अमेरिकी डॉलर रहा
-बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 67,700 करोड़ रुपये की 50 परियोजनाओं को निजी- सार्वजनिक मॉडल (पीपीपी मॉडल) को सिध्दांतत: या अंतिम मंजूरी
-भारत बुनियादी ढांचा वित्त कंपनी महत्वपूर्ण परियोजनाओं में निजी सार्वजनिक साझेदारी के तहत 60 फीसदी वाणिज्यिक ऋणों का वित्तपोषण करेगा -संप्रग शासन में कृषि का योजनागत खर्च 300 प्रतिशत बढ़ा
–प्रति व्यक्ति आय की वृध्दि दर पिछले चार साल के दौरान 7.4 फीसदी
–विदेशी व्यापार पिछले चार साल के दौरान जीडीपी का 35.5 फीसदी
–2003-04 से 2007-08 के बीच कृषि ऋण 87,000 करोड़ रुपये से बढकर 2.5 लाख करोड़ रुपये
–वैश्विक आर्थिक मंदी से निपटने के लिए सरकार ने वित्तीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन लक्ष्य में ढील देने का फैसला किया
–नीतिगत सुधारों की गति तेज करने की आवश्यकता। विशेषकर वित्तीय क्षेत्र में ऐसा करना जरूरी
–2008-09 तक इंदिरा आवास योजना के तहत 60 लाख मकान बनाने थे। दिसंबर 2008 तक 60.12 लाख मकान बनाए गए।
–2008-09 के दौरान किसानों के 65,300 करोड़ रुपये का कर्ज माफ। इससे 3.6 करोड़ परिवारों को हुआ फायदा
–किसानों को तीन लाख रुपये तक के ऋण के लिए ब्याज सहायता योजना जारी रखने का फैसला
अंतरिम बजट: ग्रामीण बुनियादी ढांचा योजना को किया जाएगा विस्तारित
-गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 630 रुपये से बढ़ाकर 1080 रुपये प्रति क्विंटल किया गया
–ग्रामीण बुनियादी ढांचा स्कीम को आवश्यक आवंटन के जरिए विस्तारित किया जाएगा
–कौशल विकास कार्यक्रम में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी
— 2008-09 में छह नए आईआईटी शुरू हुए। मध्य प्रदेश और राजस्थान में दो और आईआईटी 2009-10 से शुरू होंगे
–छात्र ऋण 31 मार्च 2004 के 4500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर सितंबर 2008 में 24,260 करोड़ रुपये।
–राष्ट्रीय महिला कोष की अधिकृत पूंजी बढ़ाई जाएगी
–इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृध्दावस्था पेंशन स्कीम से 146 लाख लोगों को फायदा।
–विकलांग लोगों के लिए पृथक योजना
–आम आदमी बीमा योजना अक्टूबर 2007 में लॉन्च की गई थी।
–घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों की संख्या 2003-04 के 73 से घटकर 2007-08 में 55 हुई -कर दरें घटनी चाहिए : मुखर्जी
-राष्ट्रीय निवेश फंड की पूंजी 31 दिसंबर 2008 तक 1815 करोड़ रुपये हुई
-सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का कारोबार 2003-04 के 587,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2007-08 में 10,87,000 करोड़ रुपये
-संप्रग सरकार के समय में पीएसयू मुनाफा 71 फीसदी बढ़कर 91,000 करोड़ रुपये हुआ
– क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को पुनर्पूंजीकरण के लिए 632 करोड़ रुपये
-सरकारी बैंकों की गैर-निष्पादित आस्तियां 2007 में 7.8 फीसदी से घटकर मार्च 2008 में 2.3 फीसदी
-छठे वेतन आयोग की सिफारिशों से 45 लाख केन्द्रीय कर्मियों और 38 लाख पेंशनधारकों को फायदा
-2008-09 योजनागत व्यय 2,82,957 करोड़ रुपये
-2008-09 के बजट अनुमान में 1.56 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृध्दि
-97,785 करोड रुपये का बजट अनुमान, जबकि 96,203 करोड़ रुपये होगा संशोधित मद में
-2008-09 के लिए संशोधित बजट आकलन 7,50,884 करोड़ रुपये से बढ़कर 9,09,053 करोड़ रुपये
अंतरिम बजट: 1.2 करोड़ सालाना रोजगार अवसरों के सृजन का लक्ष्य
-2008-09 के दौरान उर्वरक सब्सिडी बजट अनुमान से 44,863 करोड़ रुपये बढ़ी
-कर वसूली बजट अनुमान के मुकाबले 60,000 करोड़ रुपये कम
-कर वसूली 2008-09 में पिछले साल के मुकाबले बढ़ेगी
-राजस्व घाटा 4.4 प्रतिशत फीसदी; लक्ष्य एक फीसदी का था
-राजकोषीय घाटा लक्ष्य 2.5 फीसदी के मुकाबले छह फीसदी
-1.2 करोड़ सालाना रोजगार के अवसरों के सृजन का लक्ष्य
-2009-10 के दौरान कुल खर्च 9,53,231 करोड़ रुपये अनुमानित
-राज्यों को केन्द्रीय सहायता में बढ़ोतरी, कुल बजटीय समर्थन 17.16 फीसदी अधिक
-महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के लिए आवंटन बढ़ाने का फैसला। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना देश के हर राज्य में। 2008-09 के दौरान 138.76 करोड़ दिहाड़ी रोजगार। कुल 3.51 करोड़ परिवार को इसके तहत किया गया कवर
-नरेगा (राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के लिए 30,100 करोड़ रुपये
-आर्थिक मंदी से निपटने के लिए कर कटौती के जरिए 40,000 करोड़ रुपये की राहत
-कुपोषण घटाने की प्रतिबध्दता के तहत संप्रग सरकार ने हाल ही में डब्ल्यूएचओ के बाल खाद्य मानक कार्यक्रम को अपनाया। इस स्कीम के लिए 2009-10 में 6705 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
-जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन के तहत 11,842 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
– 7400 करोड़ रुपये का प्रस्ताव पेयजल के लिए
अंतरिम बजट: मुंबई हमले को देखते हुए रक्षा खर्च मद में बढ़ोतरी
-यूनीक आई कार्ड योजना के तहत 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
-ग्रामीण विकास भूतल परिवहन बिजली रेलवे मंत्रालयों को बजटीय समर्थन में बढ़ोतरी
-निर्यातकों के लिए दो फीसदी की ऋण सहायता योजना मार्च के बाद भी जारी
-एकीकृत बाल विकास योजना के लिए 6705 करोड़ रुपये का प्रस्ताव। भारत निर्माण के लिए 40,900 करोड़ रुपये
-रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाकर 1,47,000 करोड़ रुपये से अधिक। देश की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त वित्तीय जरूरतों को पूरा किया जाएगा
-मुंबई हमले को देखते हुए रक्षा खर्च में बढ़ोतरी की गई
-आर्थिक मंदी से निपटने के लिए अतिरिक्त नीतियों की जरूरत
-योजनागत खर्च में 0.5 से एक फीसदी तक की और बढ़ोतरी की जरूरत पड़ सकती है
-पिछले पांच साल के दौरान अर्थव्यवस्था की विकास दर 8.6 फीसदी रही। विकास समावेशी रहा
-तीन दशक से परमाणु ऊर्जा के मोर्चे पर अलग-थलग पड़े भारत को परमाणु सहयोग के रास्ते पर लाई संप्रग सरकार