facebookmetapixel
AI शेयरों की कीमतें आसमान पर, अब निवेशकों के लिए भारत बन रहा है ‘सेफ हेवन’! जानिए वजहDelhi Pollution: दिल्ली बनी गैस चेंबर! AQI 425 पार, कंपनियों ने कहा – ‘घर से ही काम करो!’Tata का Power Stock देगा मोटा मुनाफा! मोतीलाल ओसवाल का BUY रेटिंग के साथ ₹500 का टारगेटपिछले 25 वर्षों में राजधानी दिल्ली में हुए 25 धमाकेNPS, FD, PPF या Mutual Fund: कौन सा निवेश आपके लिए सही है? जानिए एक्सपर्ट सेसोने में फिर आने वाली है जोरदार तेजी! अक्टूबर का भाव भी छूटेगा पीछे – ब्रोकरेज ने बताया नया ऊंचा टारगेटसिर्फ एक महीने में 10% उछले रिलायंस के शेयर! ब्रोकरेज ने कहा- खरीद लो, अब ₹1,785 तक जाएगा भाव!टाटा मोटर्स CV के शेयर 28% प्रीमियम पर लिस्ट, डिमर्जर के बाद नया सफर शुरूक्या आपका डिजिटल गोल्ड अब खतरे में है? एक्सपर्ट ने दी राय – होल्ड करें या कैश आउट करें?Groww IPO: ₹114 पर लिस्टिंग के बाद 5% चढ़ा शेयर, बेच कर निकल लें या लॉन्ग टर्म के लिए करें होल्ड?

Budget 2024: बजट में फिस्कल डेफिसिट टारगेट घटाकर पांच प्रतिशत कर सकती है सरकार, ICRA ने बताया कैसे

सरकार ने इस साल फरवरी में अंतरिम बजट पेश करते समय वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

Last Updated- July 16, 2024 | 4:36 PM IST
Union Budget 2025

सरकार राजस्व में आए उछाल के दम पर अगले हफ्ते पेश होने वाले बजट में चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को घटाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.9-5.0 प्रतिशत कर सकती है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने मंगलवार को यह संभावना जताई।

सरकार ने इस साल फरवरी में अंतरिम बजट पेश करते समय वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, “केंद्र सरकार 11.1 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय लक्ष्य से कोई समझौता किए बगैर राजकोषीय घाटा अनुमान को 5.1 प्रतिशत से घटाकर 4.9-5 प्रतिशत निर्धारित कर सकती है।”

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करने वाली हैं। यह उनका लगातार सातवां बजट होगा। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी का 5.6 प्रतिशत राजकोषीय घाटा लक्ष्य हासिल किया था।

नायर ने कहा, “11.8 लाख करोड़ रुपये के अंतरिम बजट अनुमान की तुलना में चालू वित्त वर्ष के लिए शुद्ध बाजार उधारी में 35,000-55,000 करोड़ रुपये की कमी आने की भी बहुत संभावना है। यह जे पी मॉर्गन सरकारी बॉन्ड सूचकांक में शामिल किए जाने के कारण सरकारी सिक्योरिटीज की मांग को बढ़ावा देने के साथ प्रतिफल के लिए भी अच्छा संकेत होगा।”

उन्होंने कहा कि 1.2 लाख करोड़ रुपये की वृद्धिशील राजस्व प्राप्तियों को राजस्व व्यय बढ़ाने और राजकोषीय मजबूती के लिए विभाजित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार कुछ आयकर छूट देकर खपत को बढ़ावा देने के लिए भी इसका उपयोग कर सकती है।

नायर ने कहा कि अगले तीन-चार वर्षों में राजकोषीय घाटे के व्यापक आकार में कमी लाना काफी मुश्किल होगा, क्योंकि राजकोषीय घाटा-जीडीपी अनुपात में गिरावट काफी हद तक मौजूदा कीमतों में जीडीपी वृद्धि पर निर्भर करेगी।

First Published - July 16, 2024 | 4:36 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट