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Economic Survey 2025: घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन कई गुना बढ़ा, डिजाइन, कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग में सीमित प्रगति

शुक्रवार को संसद में पेश वित्त वर्ष 2024-25 की आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में भारत का हिस्सा चार प्रतिशत है।

Last Updated- January 31, 2025 | 3:03 PM IST
Electronic manufacturing

Economic Survey 2025: पिछले 10 साल में घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन कई गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 9.52 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। हालांकि, उद्योग का ध्यान मुख्य रूप से असेंबलिंग पर केंद्रित होने से डिजाइन और कलपुर्जा विनिर्माण में सीमित प्रगति ही हुई है। आर्थिक समीक्षा 2024-25 में यह बात कही गई है।

शुक्रवार को संसद में पेश वित्त वर्ष 2024-25 की आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में भारत का हिस्सा चार प्रतिशत है। लेकिन इसका ध्यान मुख्य रूप से असेंबलिंग गतिविधियों पर ही केंद्रित है। आर्थिक समीक्षा कहती है, ‘‘मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों के साथ बेहतर बुनियादी ढांचे, कारोबारी सुगमता और विभिन्न प्रोत्साहनों ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दिया है और विदेशी निवेश आकर्षित किया है। हालांकि, डिजाइन और कलपुर्जा विनिर्माण में सीमित प्रगति ही हुई है।’’

समीक्षा के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का घरेलू उत्पादन वित्त वर्ष 2014-15 में 1.90 लाख करोड़ रुपये था जो 17.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2023-24 में 9.52 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान मोबाइल फोन के विनिर्माण में दर्ज की गई उल्लेखनीय वृद्धि ने आयात पर निर्भरता कम कर दी है और कुल स्मार्टफोन की 99 प्रतिशत जरूरतों को स्वदेश में उत्पादन से पूरा किया जा रहा है। देश ने पिछले वित्त वर्ष में लगभग 33 करोड़ मोबाइल फोन इकाइयों का उत्पादन किया, जिसमें 75 प्रतिशत से अधिक मॉडल 5जी क्षमता से लैस थे।

Also read: Economic Survey 2025: भारत को अगले दो दशक में इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ाने की जरूरत

आर्थिक समीक्षा कहती है कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को गति देने में विशाल घरेलू बाजार, कुशल प्रतिभाओं की उपलब्धता और कम लागत वाले श्रम की अहम भूमिका रही है। इसके अलावा उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं ने भी घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा दिया है और मोबाइल फोन खंड में खासतौर पर इसका असर देखने को मिला है।

आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, ‘‘वित्त वर्ष 2022-23 में मूल्य के लिहाज से सिर्फ चार प्रतिशत मोबाइल फोन ही आयात किए गए जबकि 2014-15 में यह आंकड़ा 78 प्रतिशत पर था। मात्रा के लिहाज से यह आयात सिर्फ 0.8 प्रतिशत रह गया। इसी तरह मोबाइल फोन का निर्यात भी बढ़कर 2022-23 में 88,726 करोड़ रुपये हो गया, जबकि 2015-16 में इसका मूल्य शून्य था।

First Published - January 31, 2025 | 3:03 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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