श्रम पर गठित स्थायी समिति के अध्यक्ष सुरावरम सुधाकर रेड्डी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर यह आग्रह किया है कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सुरक्षा से संबद्ध विधेयक संसद के चालू सत्र में पारित कराया जाना चाहिए।
रेड्डी ने पत्र में लिखा है कि इस बिल के पारित नहीं हो पाने से देश की पूरी श्रम शक्ति का 94 प्रतिशत हिस्सा सरकारी लाभों से वंचित हो रहा है। अगर बिल पारित हो जाता है तो यह विधायिका के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा। वैसे भी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के न्यूनतम साझा कार्यक्रम में भी इसे पारित कराने की बात कही गई है।
उन्होने कहा कि स्थायी समिति की रिपोर्ट दिसंबर में ही संसद को दे दी गई थी जिसमें समाज के सभी वर्गों, केंद्रीय श्रम संगठनों, गैर-सरकारी संस्थानों और इससे जुड़े अन्य संगठनों की विचारधाराओं को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि स्थायी समिति ने अपनी सिफारिशों के साथ दिसंबर में ही रिपोर्ट भी सौंप दी थी।
रिपोर्ट में कमिटी ने असंगठित क्षेत्रों के लिए एक प्रशासनिक इकाई और केंद्रीय कोष की व्यवस्था का सुझाव दिया गया है। वैसे इन सिफारिशों में कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों के लिए अलग-अलग बिल की बात नहीं की गई है,जिसकी मांग वाम दलों ने की थी।
संसद में उक्त विधेयक पेश होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने इसका अध्ययन करने के लिए इसे सितंबर 2007 में स्थायी समिति को सौंप दिया था।रेड्डी को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का हाल ही में उप महासचिव नियुक्त किया गया है।