केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में खाद्यान्नों की स्थिति में सुधार आया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का सार्थक प्रभाव हुआ है।
देश में खाद्यान्न की कमी होने की आशंकाओं को सिरे से खारिज करते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि धान और गेहूं की रिकार्ड फसल होने के कारण देश में खाद्यान्न स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है और खाद्यान्न की कमी की कोई वजह नहीं है।
चिदंबरम ने लोकसभा में वित्त विधेयक पर तीन दिन की चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस साल 28 अप्रैल तक गेहूं की घरेलू खरीद 134 लाख टन थी जबकि पिछले साल यह 76 लाख टन ही हो पाई थी। उन्होंने कहा कि इस साल का लक्ष्य 150 लाख टन का है।
उन्होंने बताया कि पिछले साल के 209 लाख टन के मुकाबले इस साल धान की अब तक खरीद 229 लाख टन हो चुकी है जबकि इस साल का हमारा लक्ष्य 270 लाख टन का है। वित्त मंत्री ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में दस लाख टन खाद्य तेल सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए जारी किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 2003-05 में बजट खर्च का राजस्व घाटा 3.7 प्रतिशत था जो 2007-08 में गिरकर दो प्रतिशत हो गया। वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों की राजकोषीय स्थिति बेहतर हुई है और अधिकांश राज्यों का राजस्व घाटा शून्य के करीब है तथा राजकोषीय घाटा दो प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि सिर्फ दो तीन राज्य ही राजकोषीय घाटे का सामना कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की राज्यों की राजकोषीय स्थिति इससे बेहतर कभी नहीं रही। उनका कहना था कि केंद्र सरकार के राजस्व का 25 प्रतिशत राज्यों को अनुदान के रूप में दिया जाता है।