Budget 2025: मोदी सरकार के तीसरी कार्यकाल के दूसरे बजट ने लंबे समय से आम लोगों के इंतजार को खत्म कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala ) ने ‘विकसित भारत’ की यात्रा के लिए ग्रोथ की गाड़ी में चार इंजन लगाने की बात कही। उन्होंने जिस तरह से टैक्सपेयर्स पर राहतों की बौछार की, उससे साफ जाहिर है कि मिडिल क्लास को इस यात्रा में फ्रंट सीट पर जगह दी गई है। वित्त मंत्री ने कृषि, एसएसएमई, निवेश और निर्यात को आर्थिक ग्रोथ इंजन बनाया है। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को नया आकार देने के लिए बजट में छह साल का रोडमैप दिया, जिसमें डेट टू जीडीपी रेश्यो को वित्त वर्ष 2031 तक घटाकर 47.5-52 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी बजट स्पीच में कहा कि सरकार अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लेकर आएगी। डायरेक्ट टैक्स रिफॉर्म की दिशा में यह एक बड़ी पहल है। न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर जीरो टैक्स के प्रावधान के साथ उन्होंने यह साफ संकेत दिया कि सरकार ज्यादा से ज्यादा टैक्सपेयर्स को नए रिजीम में लाना चाहती है।
वित्त मंत्री ने कहा कि न्यू टैक्स रिजीम के अन्तर्गत 12 लाख रुपए तक की आमदनी (कैपिटल गेन को छोड़कर 1 लाख रुपये प्रतिमाह की औसत आय) पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इस पर 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन जोड़ दें, तो 12.75 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स देनदारी के दायरे से बाहर हो जाएगी।
सरकार का यह मानना है कि यह नई टैक्स व्यवस्था मीडिल क्लास के टैक्स को काफी कम करेगी और घरेलू उपयोग, बचत और निवेश को बढ़ावा देने के लिए उनके पास ज्यादा रकम उपलब्ध होगी। हालांकि, वित्त मंत्री ने कहा कि इस व्यवस्था से डायरेक्ट टैक्स से सरकार को करीब 1 लाख करोड़ रुपये का रेवेन्यू नहीं मिलेगा।
इसके अलावा, वित्त मंत्री ने टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS)/टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) को तर्कसंगत बनाया है। जैसेकि, सीनियर सिटीजन के लिए ब्याज पर कटौती की सीमा 50,000 रुपये से दोगुनी बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई। किराये पर TDS के लिए सालाना लिमिट 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये की गई। हाई टैक्स डिडक्शन के प्रावधान केवल नॉन-पैन मामलों पर ही लागू करने का प्रावधान किया गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में राज्यों की भागीदारी से ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ का शुभारंभ करने का ऐलान किया। इसमें कम उत्पादकता, कम उपज और औसत से कम ऋण मानदंडों वाले 100 जिलों को शामिल किया जाएगा। सरकार ने इससे 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की संभावना जताई है।
ग्रामीण भारत में समृद्धि और विकास के लिए सरकार ‘Building Rural Prosperity and Resilience’ नामक एक व्यापक मल्टी-सेक्टोरल प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। इससे कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के जरिए कृषि में कम रोजगार का समाधान होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी।
बजट के जरिए सरकार से दलहन में आत्मनिर्भरता को लेकर एक अहम खाका पेश किया। वित्त मंत्री ने कहा कि तूर, उड़द और मसूर पर फोकस देने के साथ 6-साल “दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन” शुरू करेगी। केंद्रीय एजेंसियां नेफेड और एनसीसीएफ अगले 4 वर्षों के दौरान किसानों से ये दालें खरीदेगी।
इसके अलावा, सरकार ने राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन शुरू किया जाएगा किया जाएगा जिसका मकसद रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूत करना, लक्षित विकास और उच्च पैदावार वाले बीजों का प्रसार करना और बीजों की 100 से अधिक किस्मों को कॉमर्शियल लेवल पर उपलब्ध कराना होगा। एक अहम ऐलान में वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए लोन की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करना शामिल है।
वित्त मंत्री ने MSME को विकास का दूसरा इंजन बताया है। इस सेक्टर को बूस्ट देने के लिए कई अहम ऐलान किए। जैसकि, सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ाकर क्रमशः 2.5 और 2 गुना कर दी जाएगी। उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए पहले वर्ष में 5 लाख रुपये तक की सीमा वाले 10 लाख कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे। स्टार्टअप के लिए 10,000 करोड़ रुपये के नए फंड की स्थापना की जाएगी।
भारत के फुटवियर और लेदर क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए 22 लाख व्यक्तियों को रोजगार दिलाने 4 लाख करोड़ का कारोबार करने और 1.1 लाख करोड़ से अधिक का निर्यात आसान बनाने के लिए फोकस उत्पाद स्कीम की घोषणा।
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि भारत को ‘वैश्विक खिलौना केंद्र’ बनाने की योजना सामने रखी है। ‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाने के मकसद से लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों को शामिल करते हुए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना की जाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निवेश (Investment) को आर्थिक ग्रोथ का तीसरा इंजन बताया है। सरकार ने लोगों में निवेश करने पर जोर दिया है। जैसेकि, अगले 5 साल में सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के लिए ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जाएगी। भारत नेट परियोजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध की जाएगी।
वित्त मंत्री ने बचत भाषण में कहा कि स्कूल और उच्चतर शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं में डिजिटल रूप में पुस्तकें उपलब्ध करने के लिए भारतीय भाषा पुस्तक योजना की घोषणा की। “मेक फॉर इंडिया मेक फॉर द वर्ल्ड” मैन्युफैक्चरिंग के लिए युवाओं को जरूरी स्किल दी जाएगी। इसके लिए 5 राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किये जाएंगे।
वित्त मंत्री ने 6,500 और विद्यार्थियों के लिए शिक्षा सुगम बनाने के लिए वर्ष 2014 के बाद शुरू किए गए 5 आईआईटी में अतिरिक्त इंफ्रा बनाने का ऐलान किया। इसके अलावा, 500 करोड़ रुपए से शिक्षा के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) संबंधी एक उत्कृष्टता केंद्र लगाया जाएगा। इसके अलावा सरकार ने मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में अगले 5 वर्षों में 75000 और सीटें बढ़ाने के लक्ष्य की दिशा में अगले वर्ष 10000 अतिरिक्त सीटें बढ़ाने का ऐलान किया है।
अर्थव्यवस्था में निवेश को लेकर वित्त मंत्री ने सरकारी निजी भागीदारी में 3 वर्षीय पाइपलाइन परियोजनाओं के लिए अवसंरचना संबंधी मंत्रालय बनाने के लिए राज्यों को भी प्रोत्साहित करने की बात कही। राज्यों को 50 साल के ब्याजमुक्त कर्ज के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव रखा है।
वित्त मंत्री ने विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन को अहम बताया है। उन्होंने परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक दायित्व परमाणु क्षति अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव रखा। 20 हजार करोड़ रुपए के आवंटन के साथ लघु मॉड्यूलर रियक्टर्स (एसएमआर) के अनुसंधान व विकास के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन करने का ऐलान किया।
इसके अलावा, 25 हजार करोड़ रुपए के आवंटन के साथ समुद्री विकास कोष की स्थापना और अगले 10 वर्ष में 120 नए गंतव्यों और 4 करोड़ यात्रियों को लाने-ले-जाने के लिए क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने की संशोधित उड़ान स्कीम की घोषणा की गई।
वित्त मंत्री ने सरकार बैंकों और निजी निवेशकों के योगदान के साथ 1 लाख और आवासीय इकाईयों को पूरा करने के कार्य में तेजी करने के मकसद से 15 हजार करोड़ रुपए का फंड बनाने का ऐलान किया है। सरकार का फोकस इनोवेशन पर भी है।
वित्त मंत्री ने निर्यात को आर्थिक विकास का चौथ इंजन बनाया है। वाणिज्य मंत्रालय एमएसएमई और वित्त मंत्रालय की ओर से संयुक्त रूप से संचालित निर्यात संवर्द्धन मिशन स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके तहत अलग-अलग क्षेत्रों और मंत्रालयों के लिए लक्ष्य तय किए जाएंगे।
इसके अलावा, सरकार ट्रेड डॉक्यूमेंटेशन और फाइनेंसिंग सॉलयूशन के लिए संयुक्त मंच के रूप में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए भारत ट्रेडनेट (बीटीएन) स्थापित करने जा रही है। ऊभरते टियर-2 शहरों में वैश्विक क्षमता केंद्रों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्यों के मार्गदर्शक के रूप में राष्ट्रीय रूपरेखा तैयार की जाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 का बजट अनुमान सामने रखा। उन्होंने उधारी के अलावा कुल प्राप्तियां 34.96 लाख करोड़ रुपये रहने और कुल खर्च 50.65 लाख करोड़ रुपये का अनुमान रखा है। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि वित्त वर्ष 2026 के दौरान नेट टैक्स प्राप्तियां 28.37 लाख करोड़ रुपये रह सकती है। वहीं, राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 फीसदी रहने का अनुमान है। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने 14.82 लाख करोड़ रुपये की कुल मार्केट उधारी का प्रस्ताव रखा है। जबकि, FY26में कैपिटल एक्सपेंडिचर (कैपेक्स) जीडीपी का 3.1 फीसदी यानी 11.21 लाख करोड़ रुपये रहेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने वित्त वर्ष 26 के बजट में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य तय करने की मौजूदा प्रथा से हटकर, राजकोषीय एंकर के रूप में डेट टू जीडीपी अनुपात के साथ एक नया रास्ता सामने रखा। उन्होंने डेट टू जीडीपी अनुपात को FY2031 तक FY25 में 57.1 प्रतिशत से घटाकर 47.5-52 फीसदी के दायरे तक लाने का 6 साल का प्लान रखा है। FY26 के लिए, बजट में डेट टू जीडीपी अनुपात का लक्ष्य 56.1 फीसदी पर रखा गया है।