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Budget 2025: किसानों को मिल सकता है 20 अरब डॉलर का तोहफा, लोन और बीमा में बड़े बदलाव संभव

भारत दुनिया में चावल, गेहूं और चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक होने के बावजूद बढ़ी खाद्य कीमतों से जूझ रहा है।

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एजेंसियां   
Last Updated- January 23, 2025 | 7:48 PM IST

भारत अगले महीने के बजट में कृषि क्षेत्र के लिए खर्च में लगभग 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की योजना बना रहा है, जो कि लगभग 20 अरब डॉलर होगा। यह पिछले छह सालों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी होगी। इसका उद्देश्य ग्रामीण आय बढ़ाना और महंगाई को कंट्रोल करना है। अतिरिक्त धन का उपयोग इन कार्यों के लिए किया जाएगा:

  • ज्यादा उपज वाले बीज किस्मों के विकास के लिए
  • भंडारण और सप्लाई इन्फ्रा में सुधार के लिए
  • दलहन, ऑइल सीड, सब्जियों और डेयरी प्रोडक्ट के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए

भारत दुनिया में चावल, गेहूं और चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक होने के बावजूद बढ़ी खाद्य कीमतों से जूझ रहा है। देश में अक्टूबर 2024 में खाद्य कीमतें 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई थीं, हालांकि बाद में थोड़ा कम हुई हैं। कीमतों को नियंत्रित करने के लिए, सरकार ने कुछ कृषि उत्पादों पर निर्यात प्रतिबंध लगाए हैं और कुछ दलहन किस्मों के लिए शुल्क मुक्त आयात नीति को एक्सडेंट कर दिया है।

सूत्रों के मुताबिक, भारत के कृषि सेक्टर में आगामी वित्तीय वर्ष 2026 में बड़े बदलाव होने वाले हैं। सरकार कृषि और संबंधित गतिविधियों के लिए कुल आवंटन को बढ़ाकर 1.75 ट्रिलियन रुपये करने की योजना बना रही है, जो वर्तमान वित्त वर्ष (1.52 ट्रिलियन रुपये) की तुलना में काफी अधिक है।

दूसरे सूत्र ने कहा कि बजट में किसानों को दिए जाने वाले सब्सडाइज्ड लोन को 3 लाख रुपये प्रति किसान से 5 लाख रुपये प्रति किसान बढ़ाने की उम्मीद है। साथ की फसल फसल इंश्योरेंस के दायरे के विस्तार को लेकर भी उम्मीद की जा रही है।

इस बढ़े हुए बजट का मुख्य उद्देश्य घरेलू कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना, किसानों की आय में सुधार करना और कृषि निर्यात को 2030 तक 80 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। प्रमुख परिवर्तनों में किसानों को दिए जाने वाले लोन की सीमा बढ़ाना, फसल बीमा का विस्तार, दलहन उत्पादन में बढ़ोतरी और मत्स्य पालन क्षेत्र में निवेश शामिल हैं।

हालांकि, कृषि नीति विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा का मानना है कि इन योजनाओं में अभी भी कम उत्पादकता और कम कृषि आय जैसी मूलभूत समस्याओं को पूरी तरह से ध्यान देने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा, सरकार को किसानों को डायरेक्ट ट्रांसफर की रकम बढ़ाना चाहिए और फसलों की खरीद में सुधार करना चाहिए ताकि किसानों की आय को बेहतर किया जा सके और महंगाई पर लगाम लगाई जा सके। कृषि भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो लगभग 45% वर्कफोर्स को रोजगार देती है और 3.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में लगभग 15% योगदान करती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट में इन महत्वपूर्ण परिवर्तनों की उम्मीद की जा रही है। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

First Published : January 23, 2025 | 7:48 PM IST