आम बजट 2025 नजदीक होने की वजह से इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियां सरकार से इस क्षेत्र को दम देने के लिए महत्त्वपूर्ण नीतिगत उपाय और प्रोत्साहन शुरू करने का आग्रह कर रही हैं। उनकी प्रमुख मांगों में पीएम ई-ड्राइव योजना को फिर से शुरू करना, ईवी के पूरे तंत्र में जीएसटी दर घटाना, लक्षित सब्सिडी देना और वित्तीय सहायता का नवीन मॉडल लाना, घरेलू बैटरी विनिर्माण को मजबूत करना, चार्जिंग के बुनियादी ढांचे का विस्तार करना और अंतिम छोर तक की डिलिवरी को ईवी के रूप में प्रोत्साहित करना शामिल है।
उद्योग के भागीदारों ने निरंतर नीतिगत समर्थन की जरूरत बताई है। साथ ही कहा है कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के तंत्र की दीर्घावधि पर्यावरण अनुकूलता सुनिश्चित करने के लिए कौशल विकास में निवेश किया जाए।
सबसे जरूरी मांगों में एक मांग ईवी को और ज्यादा सुलभ बनाने के लिए लक्षित सब्सिडी और वित्तीय सहायता के अभिनव मॉडल की है। काइनेटिक ग्रीन की संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी ने ईवी को शहरी और ग्रामीण दोनों बाजारों के लिए किफायती बनाने के लिए सुलभ वित्तीय सहायता के विकल्पों की जरूरत पर जोर दिया है।
मोटवानी ने कहा, ‘वित्तीय सहायता के विकल्पों जैसे उपभोक्ता केंद्रित कार्यक्रम देशभर में ईवी को बढ़ावा देने के लिए अहम हैं।’ उन्होंने लागत कम करने और ग्राहकों के लिए ईवी को और ज्यादा किफायती बनाने के लिए ईवी के पूरे तंत्र, खास तौर पर लीथियम-आयन बैटरी के लिए 5 प्रतिशत की एकजैसी जीएसटी दर का आह्वान किया।
लक्षित सब्सिडी के अलावा उद्योग के भागीदार पीएम ई-ड्राइव योजना को फिर से शुरू करने की भी मांग कर रहे हैं। इस योजना ने इस क्षेत्र की शुरुआती वृद्धि को समर्थन देने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने इस योजना की बहाली को उद्योग की रफ्तार को बरकरार रखने के लिए जरूरी बताया है, खास तौर पर वित्तीय सहायता में आ रही गिरावट और नीति अनिश्चितताओं जैसी चुनौतियों के बीच।
रिलॉक्स ईवी के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी आवेश मेमन ने स्पष्टता और निरंतर नीति समर्थन सुनिश्चित करने के महत्त्व पर जोर दिया, विशेष रूप से योजना के संशोधित दिशानिर्देशों के मद्देनजर, जिसने दोपहिया श्रेणी पर प्रतिकूल असर डाला है। मेमन ने कहा, ‘निवेशकों का विश्वास बढ़ाने और इस क्षेत्र की वृद्धि के लिए स्पष्ट कार्य योजना उपलब्ध कराने के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना को फिर से शुरू करना सबसे महत्त्वपूर्ण है।’ अंतिम छोर तक की डिलिवरी का इलेक्ट्रिफिकेशन भी ध्यान देने की जरूरत है।