facebookmetapixel
केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई मुहर, मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहतCDSCO का दवा कंपनियों पर लगाम: रिवाइज्ड शेड्यूल एम के तहत शुरू होंगी जांचें; अब नहीं चलेगी लापरवाहीपूर्वोत्तर की शिक्षा में ₹21 हजार करोड़ का निवेश, असम को मिली कनकलता बरुआ यूनिवर्सिटी की सौगातकेंद्र सरकार ने लागू किया डीप सी फिशिंग का नया नियम, विदेशी जहाजों पर बैन से मछुआरों की बढ़ेगी आयCorporate Action Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में स्प्लिट-बोनस-डिविडेंड की बारिश, निवेशकों की चांदीBFSI फंड्स में निवेश से हो सकता है 11% से ज्यादा रिटर्न! जानें कैसे SIP से फायदा उठाएं900% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मिंग सेक्टर से जुड़ी कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेDividend Stocks: निवेशक हो जाएं तैयार! अगले हफ्ते 40 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड, होगा तगड़ा मुनाफाStock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट, छोटे निवेशकों के लिए बनेगा बड़ा मौकादेश में बनेगा ‘स्पेस इंटेलिजेंस’ का नया अध्याय, ULOOK को ₹19 करोड़ की फंडिंग

Budget 2023 : भारतीय स्टार्टअप में विदेशी निवेश को लगेगा करारा झटका

Last Updated- February 02, 2023 | 10:10 PM IST
Startup

रकम के इंतजाम में मौजूदा मंदी के बीच स्टार्टअप कंपनियों को बजट 2023 में एक और मुश्किल स्थिति में डाल दिया गया है, जिसमें अनिवासी निवेशकों के लिए एंजेल टैक्स का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत में विदेशी निवेश को करारा झटका लगेगा।
एंजेल निवेशकों के भारत के सबसे बड़े नेटवर्क – इंडियन एंजेल नेटवर्क (आईएएन) की सह-संस्थापक पद्मजा रूपारेल इसे ‘दो कदम पीछे ले जाने’ वाले कदम के रूप में देखती हैं। उनका कहना है कि यह अनिवासी निवेशकों द्वारा एंजेल निवेश करने वाले उद्योग को खत्म कर देगा। उन्होंने कहा ‘सरकार को इस कदम पर फिर से विचार करने की जरूरत है।’
अनिवासी निवेशकों को शामिल करने के लिए वित्त विधेयक में आयकर अधिनियम की धारा 56(2) में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है, जिसे समान्य रूप से एंजेल टैक्स के रूप में जाना जाता है। इनमें सिकोया कैपिटल इंडिया, सॉफ्टबैंक, टाइगर ग्लोबल जैसे निवेशक और ऐसे कई अति धनाढ्य व्यक्ति शामिल होंगे, जो एंजेल नेटवर्क समूहों के जरिये निवेश करते हैं।
मौजूदा प्रावधानों के तहत ‘निवासी होने के नाते किसी व्यक्ति से’ शेयर जारी करके पूंजी जुटाने वाले किसी भी असूचीबद्ध स्टार्टअप पर ऐंजल टैक्स लगाया जाता है, अगर जारी किए गए शेयर कीमत कंपनी के उचित बाजार मूल्य (एफएमवी) से अधिक हो।
विधेयक में कहा गया है कि उक्त खंड से ‘निवासी होने के नाते’ शब्दों को हटाने का प्रस्ताव है ताकि धारा 56 की उप-धारा (2) के उक्त खंड के दायरे में
सभी निवेशकों को शामिल किया जा सके, उनका निवास स्थान भले ही कुछ भी हो।
रूपारेल ने कहा कि यह विदेशी निवेशकों से पैसा जुटाने पर विचार करने वाले स्टार्टअप के लिए पीछे जाने वाला कदम है। उन्होंने कहा ‘इसका मतलब यह है कि जब विदेशी निवेशक धारा 56(2) के तहत किसी निश्चित मूल्यांकन पर किसी स्टार्टअप में निवेश कर रहे हों, तो यह आयकर अधिकारी को इस मूल्यांकन पर सवाल उठाने का अधिकार दे रहा है।’
उन्होंने कहा ‘इसके बावजूद अगर आयकर अधिकारी को लगता है कि किसी फर्म का मूल्य बहुत अधिक है, तो वे शेष राशि को आय में तब्दील कर देंगे। इसका मतलब यह है कि किसी स्टार्टअप में निवेश की गई पूंजी अब आय में तब्दील हो जाएगी और इसलिए आयकर के अधीन होगी। इसके परिणामस्वरूप यह विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय स्टार्टअप में निवेश करने में अड़चन डालेगा।’

First Published - February 2, 2023 | 10:10 PM IST

संबंधित पोस्ट