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Budget: PWC, EY, Deloitte का एनालिसिस, Custom duty पर बजट में हो सकता है बड़ा एलान, कंपनियों के शेयर बनेंगे राकेट?

Pricewaterhouse, EY India, Deloitte India का आकलन, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी आम बजट में कारोबारी सुगमता के उद्देश्य से ये एलान कर सकती हैं।

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निमिष कुमार   
Last Updated- January 19, 2025 | 9:38 PM IST

मुकदमेबाजी को कम करने के प्रयासों के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी आम बजट में कारोबारी सुगमता के उद्देश्य से सीमा शुल्क के लिए माफी योजना की घोषणा कर सकती हैं। सरकार ने पहले भी उत्पाद शुल्क और सेवा कर तथा आयकर के लिए माफी योजनाओं की घोषणा की थी, लेकिन सीमा शुल्क के लिए ऐसा कोई कदम नहीं उठाया था। अनुमान है कि अकेले सीमा शुल्क से संबंधित 40,000 से अधिक मामले विभिन्न न्यायालयों और न्यायाधिकरणों में लंबित हैं।

Price Waterhouse & Company LLP का क्या कहना है

प्राइस वॉटरहाउस एंड कंपनी एलएलपी (Price Waterhouse & Company LLP) के MD अनुराग सहगल ने कहा, “उद्योग की मुख्य मांगें निश्चित रूप से सरकार के उद्देश्यों के अनुरूप होंगी और सरकार का एक उद्देश्य मुकदमेबाजी में कमी लाना है। इस मोर्चे पर, सीमा शुल्क के लिए माफी योजना, विशेष रूप से माल एवं सेवा कर (GST) से पहले के विरासती करों जैसे अतिरिक्त शुल्क, विशेष अतिरिक्त शुल्क को कवर करना उद्योग की मांगों में से एक रहा है।”

सहगल ने कहा कि सीमा शुल्क पर उद्योग की एक और महत्वपूर्ण इच्छा ‘मेक इन इंडिया’ पहल का समर्थन करने के लिए दरों को तर्कसंगत बनाने की होगी। उन्होंने कहा, “आपके पास कई क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम आ रहे हैं। इसलिए दरों को तर्कसंगत बनाने से भारत में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।” इसके अलावा, उन्होंने कहा कि उद्योग छूट की समीक्षा की उम्मीद कर रहा है।

EY India का क्या एनालिसिस है

एक अन्य परामर्श कंपनी ईवाई इंडिया (EY India) ने कहा कि सीमा शुल्क से संबंधित मुकदमे विभिन्न मंचों पर लंबे समय से लंबित हैं और इन्हें सुलझाने के लिए करदाता और सरकार दोनों को काफी समय और प्रयास खर्च करने की आवश्यकता है। ईवाई इंडिया ने यह भी सुझाव दिया कि लंबित विवादों के निपटारे और समाधान के लिए सीमा शुल्क कानून के तहत एकमुश्त विवाद/मुकदमेबाजी समाधान/निपटान योजना शुरू की जानी चाहिए।

Deloitte India का एनालिसिस क्या कहता है

डेलॉयट इंडिया (Deloitte India) के साझेदार महेश जयसिंह के अनुसार, सरकार को विवादों को सुलझाने के लिए लंबे समय से चल रहे मुकदमेबाजी को समाप्त करना चाहिए, न्यायिक प्रक्रिया के बोझ को कम करना चाहिए तथा तकनीकी प्रगति और अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम चलन के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए कानून को उन्नत करना चाहिए। “सबका विश्वास की तर्ज पर माफी योजना एक स्वागतयोग्य कदम होगा। उद्योग वर्षों से सीमा शुल्क के तहत लंबित मुकदमेबाजी के मामलों को हल करने के लिए ऐसी योजना का इंतजार कर रहा है। इससे विशेष रूप से छोटे व्यवसायों को पिछले विवादों से बचने और एक साफ सुथरी छवि के साथ आगे बढ़ने में मदद मिलेगी”।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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First Published : January 12, 2025 | 7:48 PM IST