टायर विनिर्माताओं को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही के दौरान मांग जोर पकड़ेगी। इसे त्योहारी सीजन की खरीदारी और ग्रामीण क्षेत्रों में संभावित सुधार से मदद मिलेगी। अलबत्ता निकट भविष्य में बिक्री पर कमजोरी का असर बना हुआ है। कंपनियां सतर्कता के साथ आशावादी बनी हुई हैं और पुराने के बदले नए टायरों की मांग, शहरी खपत तथा कच्चे माल की कम होती लागत से उन्हें वृद्धि का भरोसा है।
अपोलो टायर्स को भारत और यूरोप में ‘जोरदार राजस्व वृद्धि’ की उम्मीद है। कंपनी के प्रबंध निदेशक नीरज कंवर ने पहली तिमाही के आय परिणामों के बाद बातचीत में कहा, ‘पुराने टायरों के बदले नए टायरों की मांग वाली श्रेणी घरेलू स्तर पर इस वृद्धि को बढ़ा सकती है।’ अपोलो का मानना है कि मॉनसून के बाद बुनियादी ढांचे और खनन गतिविधियों से वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में मांग की रफ्तार में सुधार होना चाहिए।’ अलबत्ता कंपनी ने आगाह किया कि दूसरी तिमाही में राजस्व में सुधार मुख्य रूप से सीजनल होगा, लेकिन इससे परिचालन लाभ में मदद और मार्जिन को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
सिएट आगे के लिए सतर्कता के साथ आशावादी है। उसे उम्मीद है कि त्योहारी सीजन और ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार से दूसरी छमाही में मांग को समर्थन मिलेगा। शहरी मांग मजबूत बनी हुई है। मगर ग्रामीण मांग में नरमी कायम है। इसमें मॉनसून के बाद सुधार की उम्मीद है। कंपनी के लिए दोपहिया वाहनों की मांग अस्थिर रही है और असमान बारिश के कारण ट्रैक्टरों की बिक्री धीमी रही है। हालांकि इन दोनों श्रेणियों में साल के अंत में सुधार हो सकता है। सिएट के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी अर्णव बनर्जी ने कहा, ‘पुराने टायरों के बदले नए टायरों की मांग लगातार स्थिर बनी हुई है और घरेलू बाजार में हमारे लिए मुख्य वाहक बनी हुई है।’