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सुजूकी का EV संग हाइब्रिड पर जोर

हाइब्रिड कारों को सर्वश्रेष्ठ समाधान बताते हुए सुजूकी ने ईवी की ओर बढ़ाया कदम

Last Updated- July 17, 2024 | 11:26 PM IST
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सुजूकी मोटर कॉर्पोरेशन ने आज कहा कि ईंधन बचाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) ‘आदर्श स्थिति’ हो सकती है मगर जब तक गैर-जीवाश्म ईंधन देश भर में उपलब्ध नहीं होता है तब तक के लिए हाइब्रिड कारें ‘सर्वश्रेष्ठ समाधान’ हैं। मारुति सुजूकी इंडिया में सुजूकी मोटर कॉर्पोरेशन की बहुलांश हिस्सेदारी है।

अपने प्रजेंटेशन में सुजूकी मोटर ने अनुमान लगाया है कि 2035 तक भारतीय वाहन बाजार में ईवी, हाइब्रिड कारों और पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कारों की हिस्सेदारी करीब 33-33 फीसदी होगी। भारत 2070 तक कार्बन तटस्थ देश बनने का लक्ष्य रखा है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए श्रेष्ठ उपायों पर वाहन उद्योग बंटा हुआ है।

जापान की दिग्गज वाहन कंपनियां टोयोटा और मारुति सुजूकी हाइब्रिड कारों पर कर घटाने की मांग कर रही हैं। उनका तर्क है कि ईवी अकेले कार्बन उत्सर्जन कम करने का बोझ नहीं उठा सकती है। मगर घरेलू कंपनियां जैसे टाटा मोटर्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ऐसी कर कटौती की मांग का विरोध कर रही हैं।

उनका कहना है कि ईवी पर पूरी ताकत से जोर देकर ही भारत सही मायने में कार्बन उत्सर्जन घटा सकता है। वाहन उद्योग में यह मतभेद उत्तर प्रदेश सरकार के 5 जुलाई के एक फैसले से और उभरकर सामने आया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाइब्रिड वाहनों पर लगने वाले 8 से 10 फीसदी पंजीकरण शुल्क में छूट देने का निर्णय किया है।

सुजूकी मोटर ने कहा, ‘गैर-जीवाश्म ईंधन के व्यापक प्रसार के साथ ऊर्जा बचत के मामले में ईवी आदर्श समाधान होगी। हम अगले साल से बाजार में ईवी उतारेंगे और इलेक्ट्रिफिकेशन में भी ऊर्जा का कम से कम उपयोग को बढ़ावा देंगे। हमने बैटरियों के उपयोग की जरूरत को न्यूनतम करने के लिए लीन-बैटरी इलेक्ट्रिक प्रौद्योगिकी विकसित किया है। जब तक गैर-जीवाश्म ईंधन पूरी तरह से उपलब्ध नहीं हो जाता तब तक हाइब्रिड ईवी श्रेष्ठ समाधान है।’

कंपनी ने कहा, ‘भारत में लगातार एथनॉल और कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) वाले वाहन पेश किए जा रहे हैं।’ एसएमसी ने सुरक्षित ड्राइविंग की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए हर देश की सड़क और ड्राइविंग स्थितियों के अनुरूप ड्राइवर सहायता प्रमाली (एडीएएस) तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया है। इसने कहा, ‘सुजूकी के प्रमुख बाजार भारत में यातायात की अनूठी स्थिति और भीड़भाड़ के कारण जापानी समाधानों को लागू करना मुश्किल हो जाता है।

भारत में सुजूकी के 40 वर्षों की उपस्थिति का लाभ लेते हुए हम एडीएएस विकसित करने और पेश करने की योजना बना रहे हैं, जो भीड़भाड़ वाली सड़कों पर भी अच्छा प्रदर्शन करे।’ भारत में मारुति सुजूकी के वाहन का औसत वजन 933 किलोग्राम रहता है, जबकि अन्य भारतीय विनिर्माताओं के वाहन 1,333 किलोग्राम तक के होते हैं। कम वजन विनिर्माण और ड्राइविंग के दौरान कम ऊर्जा खपत की ओर इशारा करता है।

एसएमसी ने कहा कि उनकी कारों में सॉफ्टवेयर अपडेट वायर्ड और वायरलेस दोनों तरीकों से हो सकेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि वह उपयोगकर्ताओं के अनुकूल है। एसएमसी ने यह भी कहा है कि भारत में वह पुरानी कारों के लिए संग्रहण प्रणाली बनाने पर विचार कर रही है और उसने अपना कबाड़ कारोबार भी तैयार करना शुरू कर दिया है। फिलहाल भारत में करीब 21 फीसदी बिजली गैर जीवाश्म ईंधन स्रोतों से पैदा होती है।

First Published - July 17, 2024 | 11:26 PM IST

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