सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा पर ध्यान दिए जाने से वाहन कलपुर्जा विनिर्माता सुर्खियों में आ गए हैं, खास तौर एयरबैग और संबंधित पुर्जों का निर्माण करने वाले विनिर्माता। विश्लेषकों का कहना है कि सभी नई कारों में मौजूदा दो एयरबैग के अलावा चार और एयरबैग जरूरी किए जाने और यात्री वाहनों की दमदार बिक्री वृद्धि से वाहन कलपुर्जों वाली कंपनियों को फायदा होगा।
सभी एम-1 श्रेणी की कारों (आठ सीटों वाली) में कुल छह एयरबैग लगाए जाने का केंद्र का आदेश पिछले साल वैश्विक आपूर्ति की दिक्कतों का हवाला देते हुए टाल दिया गया था। अब यह 1 अक्टूबर, 2023 से शुरू होगा।
जियोजीत फाइनैंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौरांग शाह ने कहा ‘सड़क दुर्घटनाओं में हताह होने वालों की संख्या को देखते हुए यह वक्त की मांग थी। इस कदम से एयरबैग के विनिर्माण से जुड़ी कंपनियों और इन बैग के लिए कच्चे माल का कारोबार करने वाली कंपनियों को फायदा होगा।’
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा कि अन्य वाहन खंडों में और अधिक एयरबैग का इंतजाम करने से एयरबैग विनिर्माताओं को मध्य अवधि में और अधिक राजस्व उपलब्ध होगा। इसने कहा कि एयरबैग के पुर्जों और संबंधित सेंसर या इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण इकाइयों (ईसीयू) वाली घरेलू और अंतरराष्ट्रीय फर्मों को भी लाभ होगा।
बहुराष्ट्रीय कंपनियां घरेलू एयरबैग बाजार के लिए बड़े स्तर पर आपूर्ति करती हैं। इन अग्रणी कंपनियों में टोयोडा गोसी और जर्मनी का जेडएफ समूह क्रमशः उनो मिंडा और रैने ग्रुप के साथ संयुक्त उद्यम के जरिये भारत में परिचालन करती हैं।
बॉश लिमिटेड, जेडएफ स्टीयरिंग गियर्स और एनडीआर ऑटो कंपोनेंट्स एयरबैग सहित सुरक्षा संबंधी पुर्जों के क्षेत्र में काम करने वाली अन्य कंपनियां हैं।