वर्ष 2022 Skoda Auto Volkswagen India के लिए अच्छा साल रहा। वर्ष 2023 के लिए आपका क्या नजरिया है?
वर्ष 2022 में हमने घरेलू बाजार में लगभग 86 प्रतिशत की मात्रात्मक वृद्धि देखी। हमने 1,34,000 कारों की बिक्री की, उनमें से 1,01,000 घरेलू बाजार में और करीब 33,000 निर्यात के लिए थी।
देश में 125 प्रतिशत इजाफे के साथ स्कोडा का यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा रहा। वैश्विक स्तर पर अब भारत ब्रांड स्कोडा के लिए तीसरा सबसे बड़ा बाजार है।
Volkswagen ब्रांड में भी 58 प्रतिशत का इजाफा देख गया है, जो पांच साल में सबसे अधिक इजाफा है। हमारे लक्जरी ब्रांड – Audi, Porsche और Lamborghini ने भी दो अंकों की वृद्धि दर्ज की है। जब से हमने भारतीय बाजार में प्रवेश किया, संयोग से Porsche और Lamborghini ने यहां सबसे बड़ा आंकडा दर्ज किया है।
हमें वर्ष 2023 से बड़ी उम्मीदें हैं। हमारा लक्ष्य दो अंकों में वृद्धि दर हासिल करना है। इस साल हमें भारतीय चौपहिया बाजार में कुछ हद तक नरमी के आसार नजर आ रहे हैं। पिछले साल यह करीब 23 प्रतिशत से बढ़कर 24 प्रतिशत हो गया।
हमें लग रहा है कि वर्ष 2025 तक समूह की भारत में लगभग पांच प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी होगी। वर्ष 2022 में हमने एक प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल की। अभी हमारी बाजार हिस्सेदारी तीन प्रतिशत से कुछ कम है। हम बाजार की तुलना में तेजी से विकास करते हुए बड़ी बाजार हिस्सेदारी को लक्ष्य बना रहे हैं। इस साल भी हमारा ध्यान इसी पर होगा।
लेकिन आपूर्ति की स्थिति भी एक प्रमुख बाजार निर्धारक रहेगी।
क्या आपको इस साल सप्लाई चेन में रुकावट के आसार लग रहे हैं?
हालांकि पिछले दो साल में हालात काफी बेहतर हुए हैं, लेकिन फिर भी हम संकट से बाहर नहीं निकले हैं। हमें गाहे-बगाहे रुकावट आती दिखती है, जिससे हमें योजना बनाने के साथ-साथ ग्राहकों की आवश्यकताओं/ऑर्डरों को पूरा करने के मामले में अपनी अपेक्षाओं को संयोजित करने के लिए विवश होना पड़ता है।
सेमीकंडक्टर के लिए आपूर्तिकर्ता की स्थिति के लिहाज से इसका असर बहुत व्यापक था। कई उप-आपूर्तिकर्ताओं पर इसका असर पड़ा। यह स्थिति कुछ सुधरी है।
वैश्विक स्तर पर भारत स्कोडा के लिए एक विनिर्माण केंद्र है। वैश्विक आपूर्ति में भारत की भूमिका में इजाफे के लिए आपकी क्या योजना है?
हम वियतनाम में अपने नए कारोबार के लिए पुर्जों की आपूर्ति के वास्ते अपने साधनों में इजाफा करने पर विचार कर रहे हैं। हम एक संयुक्त उद्यम की घोषणा कर चुके हैं और वर्ष 2023 में यूरोप से कारों का आयात करना शुरू करेंगे।
वर्ष 2024 में यह संयुक्त उद्यम भारत में निर्मित कारों – Skoda Slavia और Kushaq का उत्पादन करना शुरू कर देगा। यह उत्पादन अगले साल के अंत तक शुरू होने की संभावना है।
सब-एसेंबली का विनिर्माण करने के लिए पुणे में 16,000 वर्ग मीटर का एक संयंत्र बनाया जा रहा है। हम शुरुआत में 30,000 कारों की क्षमता पर विचार कर रहे हैं।
वियतनाम के लिए Kodiaq, Superb, Kamiq और Octavia को चेक गणराज्य से आयात किया जाएगा। साथ ही साथ भागीदार वियतनाम भी Kushaq और Slavia का उत्पादन करने के लिए देश के उत्तर में एक विनिर्माण केंद्र स्थापित करने पर विचार कर रहा है, जिसे हमने इंडिया 2.0 रणनीति के तहत भारत में विकसित किया है।