प्रतीकात्मक तस्वीर
प्राकृतिक रबर के बढ़ते दामों के साथ मार्जिन पर दबाव के बीच टायर कंपनियां तेजी से उन प्रीमियम टायरों पर ध्यान दे रही हैं जिनमें बेहतर मार्जिन है और जो देसी बाजार में तेजी से बढ़ने वाली श्रेणी हैं।
मुंबई की टायर विनिर्माता सिएट को उम्मीद है कि अगले तीन से पांच साल के दौरान प्रीमियम टायर उसकी यात्री कार रेडियल (पीसीआर) बिक्री में 30 प्रतिशत से अधिक का योगदान करेंगे। सिएट ने आज लग्जरी सिडैन और स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स (एसयूवी) को ध्यान में रखते हुए टायरों की अपनी नई सुपरड्राइव श्रृंखला पेश की।
बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में सिएट के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) अर्णव बनर्जी ने कहा कि फिलहाल प्रीमियम टायरों (17 इंच से बड़े टायर) की घरेलू बाजार में हिस्सेदारी मोटे तौर पर आठ से 10 प्रतिशत है, जिसके अगले तीन से पांच साल के दौरान 30 से 40 प्रतिशत तक होने की क्षमता है। उन्होंने कहा, ‘सिएट की प्रीमियम श्रृंखला कारों की रेडियल टायर बिक्री में करीब आठ से 10 प्रतिशत का योगदान देती है और उम्मीद है कि अगले तीन से पांच साल में यह बिक्री का 30 प्रतिशत से ज्यादा हो जाएगी।’
घरेलू बाजार में हर महीने करीब 24 लाख कारों के रेडियल टायर बिकते हैं और इसमें सीएटी की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत है। फिलहाल सिएट की बिक्री में वाणिज्यिक वाहनों के टायर और यात्री वाहनों के टायरों का अनुपात 50:50 है। कंपनी के लिए अभी कारों के रेडियल टायर की बिक्री की हिस्सेदारी यात्री वाहन टायरों का लगभग 20 प्रतिशत है।
बनर्जी ने कहा कि प्रीमियम टायरों में मार्जिन स्पष्ट रूप से बेहतर है। उन्होंने स्वीकार किया, ‘फिलहाल हमारा सकल मार्जिन लगभग 35 से 36 प्रतिशत है। हम 40 प्रतिशत की सीमा पर सहज हैं। प्रीमियम रेंज पर ध्यान देने से निश्चित रूप से मार्जिन बढ़ाने में मदद मिलेगी।’
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक रबर की बढ़ती कीमतें चिंता की बात है।