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लेखक : सुब्रत पांडा

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

आईडीबीआई बैंक में सरकारी हिस्सेदारी पर सेबी ने माना सरकार का अनुरोध

बाजार नियामक ने आईडीबीआई बैंक में सरकारी हिस्सेदारी को सार्वजनिक शेयरधारिता के तौर पर दोबारा वर्गीकृत करने के सरकारी अनुरोध को मंजूर कर लिया है। लेकिन यह हिस्सेदारी बिक्री के बाद होगा। बैंक ने गुरुवार को स्टॉक एक्सचेंजों को भेजी अधिसूचना में यह जानकारी दी है। इसके साथ शर्त है कि बैंक में सरकार का […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

तीसरी तिमाही में निजी बैंकों की आय मजबूत रहने के आसार

निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा वित्त वर्ष 2023 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान आय में मजबूत वृद्धि दर्ज किए जाने की संभावना है। उनकी आय को मजबूत ऋण वृद्धि, मार्जिन में बढ़ोतरी, ऋण लागत में कमी, और कम प्रावधान संबं​धित खर्च से मदद मिलेगी। हालांकि व्यवसायों में निवेश की वजह से परिचालन लागत ऊंची बनी […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

एचडीएफसी बैंक में ऋण से ज्यादा जमा

निजी क्षेत्र के देश के सबसे बड़े कर्जदाता एचडीएफसी बैंक ने वित्त वर्ष 23 में अक्टूबर-दिसंबर के दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 19.5 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है। बैंक द्वारा दिया गया कुल कर्ज बढ़कर 15.07 लाख करोड़ रुपये हो गया है। घरेलू खुदरा ऋण में 21.5 प्रतिशत और वाणिज्यिक और […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

कर्ज देने में आगे निकलीं एनबीएफसी

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के क्षेत्रवार ऋण वितरण के नवंबर 2022 के आंकड़ों से पता चलता है कि सेवा क्षेत्र को कर्ज देने में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) अन्य कर्जदाताओं से आगे निकल गई हैं। हाल के आंकड़ों के मुताबिक 18 नवंबर तक सेवा क्षेत्र को दिया गया कुल कर्ज 33.15 लाख करोड़ रुपये […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, विशेष

नोटबंदी के प्रभाव का आकलन

सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को यह फैसला दिया कि नोटबंदी अतार्किक नहीं थी। यह ‘आनुपातिकता के परीक्षण’ पर खरी उतरती है। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने 8 नवंबर, 2016 की आधी रात से 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करार देने के सरकार के फैसले के प्रभाव का विश्लेषण किया। साल 2017-18 और 2021-22 के […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

NPA 10 साल में सबसे कम

सितंबर 2022 में बैंकों के शुद्ध गैर-निष्पादित आस्तियों (NPA)  और शुद्ध आवंटन अनुपात में कमी आई है। मुनाफा बढ़ने से बैंकों को एनपीए के लिए प्रावधान बढ़ाने में मदद मिली है। इस वजह से आलोच्य अवधि में यह अनुपात कम होकर 1.3 प्रतिशत रह गया, जो 10 वर्षों का सबसे निचला स्तर है। भारतीय रिजर्व […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

बैंक धोखाधड़ी के तौर-तरीके डिजिटल लेनदेन में बदल गए

2021-22 के दौरान धोखाधड़ी की औसत राशि, धोखाधड़ी में शामिल कुल राशि को धोखाधड़ी की संख्या से विभाजित करने के रूप में परिभाषित की गई जिसमें काफी कमी आई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रुझान एवं प्रगति रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चलता है कि इस अवधि के दौरान शामिल कुल राशि भी कम हो […]

आज का अखबार, बीमा, वित्त-बीमा

सामान्य एवं स्वास्थ बीमा कारोबार में उतरेगी एलआईसी!

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) सामान्य एवं स्वास्थ्य बीमा कारोबार में उतरने का मन बना रही है। इसकी जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि एलआईसी के पास सामान्य और स्वास्थ्य बीमा कारोबार में उतरने के लिए सभी संसाधन हैं। सूत्र ने कहा कि एलआईसी जीवन, सामान्य और स्वास्थ्य बीमा तीनों […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

परिसमापन मूल्य की 201 प्रतिशत वसूली

दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत सौंपी गई दबाव वाली इकाइयों का मूल्यांकन पहले ही बहुत खराब हो चुका है, ऐसे में स्वीकार किए गए दावों के साथ वास्तविक मूल्य की तुलना करना संभवतः समाधान प्रक्रिया की प्रभावशीलता का उचित संकेतक नहीं हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2021-22 की अपनी […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

बढ़ती उधारी लागत से खबरदार

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने महामारी का सामना बेहतर तरीके से किया है और इससे उनके मुनाफे में सुधार हुआ है, लेकिन उन्हें उधारी की बढ़ती लागत से सचेत रहने की जरूरत है। महंगाई पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की सख्ती के कदमों के कारण इस समय उधारी की […]

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