आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून :फेमा: के तहत वालमार्ट को कई नोटिस भेजे गये थे। उसके जवाब में अमेरिकी कंपनी ने हाल में विस्तृत ब्योरा भेजा है।
वालमार्ट इंडिया के प्रवक्ता ने बयान में प्रेट्र से कहा, वालमार्ट जांच में सरकार का सहयोग कर रही है। केंद्र सरकार ने कुछ सूचना और स्पष्टीकरण हमसे मांगे थे, जिसे उपलब्ध कराया गया है। हम भारत के एफडीआई नियमों का अनुपालन कर रहे हैं और सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है तथा इस संबंध में रिजर्व बैंक समेत संबद्ध सरकारी प्राधिकरणों को विस्तृत ब्योरा दिया गया था।
कंपनी ने अपने जवाब में कहा है कि उसके पास रिजर्व बैंक से मिली मंजूरी तथा देश में किये गये अन्य सौदों के बारे में विस्तृत ब्योरा उपलब्ध है।
इस संदर्भ में रिजर्व बैंक की तरफ से भेजे गये पत्र के आधार पर ईडी मामले की जांच कर रहा है।
ऐसा समझा जाता है कि एजेंसी वालमार्ट के खिलाफ दाखिर रिट याचिका के संदर्भ में इन तथ्यों को इस महीने मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष भी रखेगा।
एजेंसी ने फेमा के तहत मामला दर्ज किया है और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से कंपनी को 2010 में मारीशस मार्ग के जरिये भारती वेंचर्स की अनुषंगी इकाई में निवेश के लिये दी गयी मंजूरी के संबंध में कुछ ब्योरा मांगा है।