facebookmetapixel
BFSI Summit: भारत का वित्तीय क्षेत्र सबसे मजबूत स्थिति में, सरकार और आरबीआई ने दी जिम्मेदार वृद्धि की नसीहत2025 बनेगा भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ वर्ष, BFSI समिट में बोले विदेशी बैंकरBFSI Summit: अधिग्रहण के लिए धन मुहैया कराने में नए अवसर देख रहा है बैंकिंग उद्योगBSFI Summit: ‘एमएफआई के दबाव से जल्द बाहर निकल आएंगे स्मॉल फाइनैंस बैंक’BFSI Summit: दुनिया के शीर्ष 20 में से भारत को कम से कम 2 देसी बैंकों की जरूरतBFSI Summit: तकनीक पर सबसे ज्यादा खर्च करने वालों में शुमार है स्टेट बैंक- शेट्टीBFSI Summit: वित्त वर्ष 2025-26 में वृद्धि दर 7 प्रतिशत से अधिक रहे तो मुझे आश्चर्य नहीं – सीईए अनंत नागेश्वरनBFSI Summit: बीएफएसआई की मजबूती के बीच MSMEs के लोन पर जोरBFSI Summit: कारगर रहा महंगाई का लक्ष्य तय करना, अहम बदलाव की जरूरत नहीं पड़ीBFSI Summit: बढ़ती मांग से कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार सुस्त

Vistara ने फ्रंटलाइन कर्मचारियों को सशक्त बनाकर हासिल की अलग पहचान, मर्जर से पहले चेयरमैन भास्कर भट ने दिया बयान

विस्तारा का एयर इंडिया में विलय टाटा ग्रुप ने नवंबर 2022 में शुरू किया। उसी सी 10 महीने पहले टाटा ग्रुप ने सरकार से एयर इंडिया का नियंत्रण वापस लिया था।

Last Updated- October 16, 2024 | 8:02 PM IST
छोटे विमानों के कुछ पायलटों को Vistara में भेजेगी Air India!, Air India will send some pilots of small aircraft to Vistara!

विस्तारा, वही एयरलाइन जिसने 10 साल पहले अपनी उड़ान सेवाओं की शुरुआत की थी, 11 नवंबर को एयर इंडिया में विलय के साथ बंद हो जाएगी। विस्तारा के चेयरमैन भास्कर भट ने आज यानी बुधवार को कहा, कंपनी ने अपने फ्रंटलाइन कर्मचारियों को समस्याओं का समाधान करने और उन्हें प्रीमियम सर्विस प्रदान करने की ताकत देकर इंडिगो जैसी अन्य भारतीय एयरलाइनों में खुद को अलग किया।

विस्तारा और एयर इंडिया, दोनों एयरलाइनों का संचालन टाटा समूह (Tata Group) करता है। भास्कर भट ने कहा, ‘अलग-अलग तरह की एयरलाइनों के विमानों में ज्यादा फर्क नहीं है। विस्तारा आपको मुंबई से दिल्ली तेजी से नहीं ले जाती। सीटें भी लगभग समान होती हैं, सिवाय बिजनेस क्लास के जहां सीटें बड़ी होती हैं और झुकाई (recline) जा सकती हैं।’

रियल इनोवेशन था फ्रंटलाइन कर्मचारियों को सशक्त बनाना

उन्होंने नई दिल्ली में इंडियन फाउंडेशन फॉर क्वालिटी मैनेजमेंट की तरफ से आयोजित एक संगोष्ठी में एक पैनल चर्चा के दौरान कहा, विस्तारा की प्रीमियम इकोनॉमी क्लास कोई नई पहल नहीं थी, क्योंकि इसे दुनियाभर की एयरलाइनों ने पहले ही अपनाया था। ‘रियल इनोवेशन था फ्रंटलाइन कर्मचारियों को सशक्त बनाना।’

फ्रंटलाइन कर्मचारी जैसे केबिन क्रू और ग्राउंड स्टाफ जब सशक्त नहीं होते, तो वे साधारण देरी का कारण भी यात्रियों को नहीं बता पाते, जिससे ग्राहक नाराज हो जाते हैं। भट ने कहा, ‘हमने आसानी से फ्रंटलाइन को सशक्त बनाया क्योंकि वे एयरलाइन के एंबेस्डर होते हैं और वही उसे एक्सपीरिएंस कर रहे हैं।’

भट ने कहा, “इसका मतलब यह नहीं है कि कर्मचारी चेक लिखकर कहे, ‘मैं आपको एक मुफ्त टिकट दूंगा’। इसका संबंध ग्राहक की समस्या को उसी समय सुलझाने से है। इस तरह से, विस्तारा ने एक खास स्तर की ग्राहक सेवा को हासिल किया है, जो न केवल विमान के अंदर बल्कि संभव हद तक विमान के बाहर भी प्रदान की जाती है। हमने अपनी सर्विस में इस अंतर को शामिल किया… वरना इंडिगो और विस्तारा से क्या अंतर होता? इंडिगो ने खुद को देश की सबसे सस्ती एयरलाइन बनाकर अपनी पहचान बनाई है।”

शुरुआत से ही घाटे में चल रही विस्तारा, Air India के साथ होगा मर्जर

विस्तारा का एयर इंडिया में विलय टाटा ग्रुप ने नवंबर 2022 में शुरू किया। उसी सी 10 महीने पहले टाटा ग्रुप ने सरकार से एयर इंडिया का नियंत्रण वापस लिया था। विस्तारा साप्ताहिक 2,400 उड़ानों का संचालन करती है और इसके पास 70 विमानों का बेड़ा (fleet) है। हालांकि, विस्तारा को अपनी शुरुआत से अब तक नुकसान का सामना करना पड़ा है।

विस्तारा अपनी शुरुआत से ही घाटे में चल रही एयरलाइन रही है। 2022-23 में एयरलाइन ने 1,393 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा (net loss) दर्ज किया। 2015 में स्थापना के बाद से विस्तारा को 9,900 करोड़ रुपये की पूंजी प्राप्त हो चुकी है। गौरतलब है कि विस्तारा टाटा ग्रुप और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच 51:49 का संयुक्त उद्यम (joint venture) है।

हवाई यात्रा हुई सस्ती

भास्कर भट ने कहा कि भारतीय विमानन क्षेत्र ने हवाई यात्रा को सस्ती बना दिया है। उन्होंने कहा, ‘जब आप मुंबई से दिल्ली या बेंगलूरु से दिल्ली विस्तारा से उड़ान भरते हैं, तो आपको प्रति किलोमीटर 5.70 रुपये का भुगतान करना पड़ता है और इंडिगो के लिए यह और भी कम है। यह एक ऑटो की प्रति किलोमीटर दर से भी कम है। इस तरह भारत ने आम आदमी के लिए हवाई यात्रा को सुलभ बना दिया है।’

किराये और उसके प्रति लोगों के रवैये को लेकर उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ‘चलता है’ रवैया एक उपभोग-आधारित अर्थव्यवस्था (economy driven by consumption) के कारण है, जो इनोवेशन से प्रेरित नहीं है। “कंपनियों को इनोवेशन की दिशा में प्रेरित करने के लिए नेतृत्व की आवश्यकता होती है… हम इस जाल में फंसे हुए हैं, और सौभाग्य से, हम इससे बाहर निकल रहे हैं। अगर मैं ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स की रैंकिंग देखूं, तो यह स्पष्ट है कि आर्थिक विकास और नवाचार (innovation) के बीच सीधा संबंध है।’

First Published - October 16, 2024 | 7:28 PM IST

संबंधित पोस्ट