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नीति आयोग ने विदेशी कंपनियों के लिए भारत में वैकल्पिक अनुमानित कर योजना पेश की

विदेशी कंपनियों को भारत में कर विवादों से बचाने और अनुपालन आसान बनाने के लिए नीति आयोग ने वैकल्पिक अनुमानित कर विकल्प पेश किया जो सकल राजस्व पर आधारित है

Last Updated- October 03, 2025 | 9:45 PM IST
NITI Aayog
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

नीति आयोग ने भारत में कारोबार कर रही विदेशी कंपनियों के लिए वैकल्पिक अनुमानित कर व्यवस्था का प्रस्ताव पेश किया है। इसका उद्देश्य मुकदमेबाजी को कम करना, अधिक निश्चितता लाना और अनुपालन लागत को कम करना है। यह सिफारिश थिंक टैंक की नवीनतम टैक्स पॉलिसी वर्किंग पेपर सीरीज – 1 में सामने आई है। यह शुक्रवार को जारी हुआ है।

भारत में अप्रैल, 2000 और मार्च, 2025 के बीच लगभग 1.07 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर का संचयी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया है, पर परमनेंट इस्टेबलिशमेंट (पीई) और लाभ विशेषता में अस्पष्टता के कारण विदेशी निवेशकों के लिए लंबे समय से विवाद और अनुपालन की समस्याएं पैदा हो रही हैं। योजना के तहत विदेशी कंपनियां सरलीकृत तंत्र का विकल्प चुन सकती हैं, जहां वे भारत से होने वाले सकल राजस्व के पूर्वनिर्धारित, क्षेत्र-विशिष्ट प्रतिशत पर करों का भुगतान करती हैं। आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि  दस्तावेज़ पीई के प्रति हमारे दृष्टिकोण को परिष्कृत करने में उपलब्ध अवसरों की आकर्षक तस्वीर पेश करता है।  

 

First Published - October 3, 2025 | 9:45 PM IST

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