वैश्विक को-वर्किंग कंपनी वीवर्क (WeWork) के अमेरिका में दिवालिया संरक्षण के लिए आवेदन करने से भारत में उसकी ब्रांड छवि प्रभावित हो सकती है।
विशेषज्ञों का कहना अमेरिकी कंपनी के इस कदम में वी वर्क इंडिया की बाजार धारणा को झटका लग सकता है। हालांकि भारत में इसके परिचालन पर अधिक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है क्योंकि यह देश में एक अलग कंपनी के रूप में काम करती है।
एचजेए ऐंड एसोसिएट्स एलएलपी के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर जितेंद्र अहलावत कहते हैं, ‘जब कोई सहायक कंपनी अपनी मूल कंपनी से कानूनी रूप से स्वतंत्र होती है तो वह अपनी संपत्ति, अनुबंध और वित्तीय जिम्मेदारियों के साथ चलती है। इसका मतलब है कि वीवर्क इंडिया बगैर किसी बड़े व्यवधान के अपना परिचालन जारी रख सकती है।’
अहलावत ने कहा, ‘वीवर्क इंक का दिवालियापन संभवतः वीवर्क इंडिया की प्रतिष्ठा और बाजार में इसकी धारणा को प्रभावित कर सकता है। अगर दो कंपनियों के बीच अज्ञात निर्भरताएं हैं तो इससे चुनौतियां पैदा हो सकती हैं। वीवर्क इंडिया को अपनी स्वतंत्रता और कारोबार बरकरार रखने के लिए सुनियोजित उपायों के बारे में हितधारकों को आश्वस्त करने के लिए सक्रिय रूप से पारदर्शिता बनाना चाहिए।’
लॉ फर्म टीएमटी लॉ प्रैक्टिस के मैनेजिंग पार्टनर अभिषेक मल्होत्रा ने कहा, ‘इसके भारतीय कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि यह एक स्वतंत्र इकाई है।