मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नैशनल पार्क में मादा चीते सियाया ने चार बच्चों को जन्म दिया है। सियाया के गर्भवती होने की जानकारी पार्क प्रबंधन को करीब तीन सप्ताह पहले लगी थी, तब से उस पर खास ध्यान दिया जा रहा था। प्रधान मुख्य वन संरक्षक जे एस चौहान ने बताया, ’17 सितंबर 2022 को नामीबिया से भारत लाई गई तीन वर्षीय मादा चीता सियाया ने चार बच्चों को जन्म दिया है।’ चौहान ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से सियाया की गतिविधियां बहुत सीमित हो गई थीं जिसके बाद अंदाजा लगाया जा रहा था कि वह बच्चों को जन्म दे सकती है।
केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसे ‘अमृत काल’ के दौरान भारत के वन्यजीव संरक्षण इतिहास में महत्वपूर्ण पल बताया। उन्होंने लिखा, ‘‘मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत 17 सितंबर 2022 को भारत लाए गए चीतों में से एक मादा चीते ने चार शावकों को जन्म दिया है।’’’ प्रधानमंत्री मोदी ने इसे रीट्वीट करते हुए इसे ‘अद्भुत समाचार’ करार दिया।
चीता प्रोजेक्ट सफलता की ओर: शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘यह बहुत अच्छी खबर है। खुशखबरी है। एक दिन पहले ही हम दुखी हुए थे क्योंकि किडनी संक्रमण के कारण साशा को नहीं बचा पाए थे लेकिन अब सियाया ने चार बच्चों को जन्म दिया है और सभी स्वस्थ हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को भी प्रणाम करता हूं। चीतों की पुनर्स्थापना करने का प्रोजेक्ट सफलता की दिशा में जा रहा है।’
गत वर्ष 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के अवसर पर नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कूनो पार्क में छोड़ा था। इन चीतों को करीब 50 दिन छोटे बाड़ों में क्वारंटीन रखने के बाद बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया था। इस वर्ष 18 फरवरी को 12 चीतों की दूसरी खेप दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाई गई थी। गौरतलब है कि साशा नामक एक अन्य मादा चीते की किडनी के संक्रमण के कारण गत सोमवार को मौत हो गई थी। उसे भी पहली खेप में नामीबिया से भारत लाया गया था।
भारत सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चीता के तहत भारत में चीतों का पुनर्वास किया जा रहा है। भारत में अंतिम चीते की मौत सन 1947 में वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में हुई थी। सन 1952 में धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाले इस जानवर को भारत में विलुप्त घोषित कर दिया गया था।