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सेबी ने कसी कमर! 2024 के लिए जारी किया सुधार एजेंडा

सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच ने अपने संबोधन में सूचीबद्ध कंपनियों में बड़ी खामियों का जिक्र किया है।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- August 07, 2023 | 11:23 PM IST

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने चालू वित्त वर्ष के लिए वित्तीय सुधार की कार्य सूची जारी कर दी है। इसमें वित्तीय बहीखाते से जुड़ा डिजिटल एश्योरेंस, ई-मतदान को अधिक सुलभ बनाना, डेरिवेटिव खंड में जोखिम कम करना, गैर-सूचीबद्धता के लिए नई मूल्य व्यवस्था और एक बड़े समूह की गैर-सूचीबद्ध इकाइयों के लिए खुलासे से जुड़े नियम अधिक व्यापक बनाना शामिल हैं।

वित्त वर्ष 2022-23 की सालाना रिपोर्ट में बाजार नियामक ने पूर्व में उठाए गए कदमों का जिक्र किया है और अधिक पारदर्शिता लाने, खुलासा मानकों में सुधार, अनुपालन में सख्ती और निवेशकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए प्रस्ताव दिए हैं।

सूचीबद्ध कंपनियों में बड़ी खामियों का जिक्र

सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच ने अपने संबोधन में सूचीबद्ध कंपनियों में बड़ी खामियों का जिक्र किया है। उन्होंने जिन त्रुटियों की ओर इशारा किया है उनमें ज्यादातर तीसरे पक्ष (थर्ड पार्टी) लेनदेन से संबंधित हैं।

बुच ने कहा, तीसरे पक्ष से संबंधित मामलों में हितों को लेकर गंभीर खामियां हो सकती हैं। अगर कंपनियों में संचालन संबंधी चिंताओं के कारण निवेशक सशंकित रहते हैं या एक दूसरे के विपरीत हित रखने वाली इकाइयां छोटे शेयरधारकों के साथ फर्जीवाड़ा करती हैं तो यह बात किसी के हक में नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि सेबी को पूरी उम्मीद है कि खुलासा नियम बेहतर होने से संबंधित पक्षों के साथ समन्वय बढ़ेगा और कंपनी संचालन सिद्धांतों में भी सुधार होगा।

इससे पहले कुछ कंपनियों ने नियमन अधिक कड़ा बनाने, खासकर सूचीबद्धता अनिवार्यता एवं खुलासा आवश्यकता (एलओडीआर) नियमों और शेयरधारकों, प्रवर्तकों एवं संबंधित पक्षों के बीच हुए समझौतों के खुलासे से जुड़े संशोधन के बाद चिंता जताई थी। सेबी प्रमुख का बयान इन्हीं चिंताओं के बाद आया है। इन चिंताओं पर ध्यान देते हुए सेबी ने नए संशोधनों का क्रियान्वयन आसान बनाने के लिए औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों से संपर्क साधा है।

सेबी ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि वह विभिन्न माध्यमों जैसे वेबसाइट और ब्रोकरेज कंपनियों के ऐप से मतदान को बढ़ावा देने का प्रस्ताव दे रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे खुदरा निवेशकों के लिए सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा रखे गए प्रस्तावों पर मतदान करना सुविधाजनक हो जाएगा।

इस समय ऐसे प्रस्तावों पर ई-वोटिंग डिपॉजिटरी के माध्यम से संचालित होते हैं। सेबी प्रमुख ने निवेशकों को बाजार में संभावित फर्जीवाड़े और जोखिमों को लेकर सतर्क भी रहने की अपील की है। इस संबंध में सेबी ने कहा है कि डेरिवेटिव बाजार में कीमतों से जुड़े जोखिम कम करने के लिए वह एक ढांचे पर काम कर रहा है।

सेबी डेरिवेटिव बाजार में शेयरों के उतरने और इनके बने रहने से जुड़े मानकों की भी समीक्षा कर रहा है। इस संबंध में मौजूदा ढांचे की समीक्षा आखिरी बार 2018 में हुई थी। बाजार नियामक सूचीबद्ध कंपनियों के वित्तीय खाताबही के डिजिटल एश्योरेंस अनिवार्य करने से जुड़े एक प्रस्ताव की भी समीक्षा कर रहा है।

इससे अंकेक्षकों को नियमित अंकेक्षण के दौरान जानकारी के बाहरी स्रोतों पर निर्भर रहने में मदद मिलेगी। इस साल के शुरू में भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) ने डिजिटल एश्योरेंस के लिए तकनीकी दिशानिर्देश जारी किए थे।

First Published : August 7, 2023 | 11:23 PM IST