विश्लेषकों का मानना है कि वित्त वर्ष 23 की जनवरी-मार्च तिमाही (चौथी तिमाही) के दौरान फार्मास्युटिकल (फार्मा) क्षेत्र में राजस्व और एबिटा 14 से 21 प्रतिशत के दायरे में रहेगा। क्रमिक रूप से राजस्व वृद्धि स्थिर है और उन्हें उम्मीद है कि मूल्य नियंत्रण तथा फील्ड-फोर्स शामिल किए जाने से एबिटा में मामूली गिरावट आ सकती है।
घरेलू बाजार की वृद्धि दर इस तिमाही में 11 प्रतिशत के मजबूत स्तर पर है। नुवामा रिसर्च के विश्लेषकों का कहना है कि अल्केम लैबोरेटरीज, सिप्ला और टॉरंट फार्मास्युटिकल्स का प्रदर्शन प्रमुख रहने के आसार हैं।
कोटक इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज का कहना है कि इस क्षेत्र को राहत देते हुए फार्मा कंपनियों को आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) पोर्टफोलियो के लिए वर्ष 2023-24 में 12.12 प्रतिशत की अधिकतम कीमत वृद्धि की अनुमति दी गई है। वर्ष 2019-20 से 2021-22 के दौरान भारतीय फार्मा बाजार की वृद्धि में मूल्य निर्धारण ने 400 से 500 आधार अंक (बीपीएस) की हिस्सेदारी की थी। हमने वित्त वर्ष 23 में मूल्य निर्धारण से 540 बीपीएस की कुछ अधिक हिस्सेदारी देखी है, जिसे प्रचलित इनपुट लागत के दबाव के बीच पिछले वर्ष की 10.8 प्रतिशत की एनएलईएम मूल्य वृद्धि से मदद मिली है।
अमेरिका बिक्री का मिश्रित योगदान रहा है। हालांकि जायडस लाइफसाइंसेज और अरबिंदो फार्मा जैसी कुछ कंपनियों ने संतोषजनक पेशकश की है, लेकिन अजंता फार्मा, ल्यूपिन वगैरह जैसी कंपनियों के मामले में फ्लू सीजन का लाभ नरम पड़ जाएगा।
विश्लेषकों का कहना है कि सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज (सन फार्मा) के हलोल संयंत्र पर आयात चेतावनी का असर इस स्पेशियलिटी जेनेरिक कंपनी के आंकड़ों पर पड़ेगा। हलोल पर इस आयात चेतावनी के कारण जेनेरिक कारोबार में गिरावट की वजह से सन फार्मा के अमेरिकी राजस्व में क्रमिक रूप से गिरावट आने के आसार हैं। अलबत्ता स्पेशियलिटी कारोबार एकसमान रहने की उम्मीद है।
नुवामा रिसर्च के विश्लेषकों का कहना है, हमें उम्मीद है कि संपूर्ण एबिटा मार्जिन लगभग 24 प्रतिशत रहेगा। उनका कहना है कि घरेलू कारोबार सात प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकता है। इसकी वजह दवा मूल्य नियंत्रण, आईटी संबंधी घटना (सुरक्षा जोखिम) और मर्क से लाइसेंस प्राप्त दो बड़े उत्पादों के पेटेंट की समाप्ति है।
आईसीआईसीआईडायरेक्ट के विश्लेषक कहते हैं कि श्वसन और संक्रमण-रोधी बिक्री की मांग से फार्मा उद्योग की घरेलू बाजार में बिक्री को बढ़ावा मिल सकता है। उनका कहना है कि घरेलू फॉर्मूलेशन (चुनिंदा पैक) में करीब 13 प्रतिशत की उछाल आने की उम्मीद है। जहां तक अस्पतालों की बात है, तो वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही सीजन के लिहाज से कमजोर रही तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के मुकाबले बेहतर रहने की उम्मीद है।
फोर्टिस हेल्थकेयर और हेल्थकेयर ग्लोबल एंटरप्राइजेज (एचसीजी) के अच्छे आंकड़े दर्ज कर सकते हैं, जबकि अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज सकारात्मक रुझान से चूक सकता है और जनवरी में लंबे त्योहारी सप्ताहांत के मद्देनजर कम ऑक्यूपेंसी दर्ज कर सकता है।
हालांकि अपोलो के मामले में उम्मीद की जा रही है कि इसका फार्मेसी कारोबार इजाफे की रफ्तार कायम रखेगा।