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PFRDA की सरकार से अटल पेंशन योजना के तहत ‘गारंटी राशि’ बढ़ाने की मांग

इस समय 19 से 40 साल की उम्र के अंशदान करने वाले सबस्क्राइबरों को 60 साल की उम्र पर 1000 रुपये से 5,000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी।

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शिवा राजौरा   
असित रंजन मिश्र   
Last Updated- October 06, 2023 | 11:33 PM IST

पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने सरकार को पत्र लिखकर अटल पेंशन योजना (APY) के तहत गारंटी वाली पेंशन राशि में बढ़ोतरी किए जाने का अनुरोध किया है। इस समय योजना के तहत दी जाने वाली राशि संभावित सबस्क्राइबरों को पंजीकरण हेतु आकर्षित करने के लिए पर्याप्त नहीं है।

बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में पीएफआरडीए के चेयरमैन दीपक मोहंती ने कहा, ‘हमने सरकार से सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है। गारंटी वाली पेशन के मामले में सरकार को बजट प्रस्ताव करना होगा। अगर पेंशन की राशि बढ़ती है तो इसके तहत धन आवंटन भी बढ़ाना होगा। इस वादे को वास्तविक धन के समर्थन की जरूरत होगी। इसलिए हमने सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है, क्योंकि मौजूदा राशि का 20 साल बाद भी वही मूल्य नहीं होगा। हमें यह फीडबैक मिला है।’

पीएफआरडीए की निगरानी में चल रही अटल पेंशन योजना अंशदान वाली योजना है, जिसका मकसद असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए सार्वभौम सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था बनाना है। इस समय 19 से 40 साल की उम्र के अंशदान करने वाले सबस्क्राइबरों को 60 साल की उम्र पर 1000 रुपये से 5,000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी। 16 सितंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक अटल पेंशन योजना से 5 करोड़ सबस्क्राइबर जुड़े थे और इस योजना के प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) 30,694 करोड़ रुपये है।

मोहंती ने उम्मीद जताई कि अटल पेंशन योजना के तहस सबस्क्राइबरों की संख्या 2023-24 के अंत 1.3 करोड़ बढ़ेगी, जबकि 2022-23 में 1.2 करोड़ बढ़े थे। एपीवाई और राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत कुल मिलाकर एयूएम मार्च 2024 के अंत तक बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपये हो सकती है, जो 16 सितंबर को 10.22 लाख करोड़ रुपये थी।

उन्होंन कहा, ‘एपीआई में सबस्क्राइबरों का आधार बढ़ रहा है, वहीं इसकी पूंजी का संचालन एनपीएस कर रहा है। साथ ही पीएफआरडीए इससे और ज्यादा कॉर्पोरेशन और व्यक्तिगत नागरिकों को जोड़ने के लिए काम कर रहा है। इस साल हम उम्मीद करते हैं कि कॉर्पोरेट और सभी नागरिक श्रेणी से कुल मिलाकर 13 लाख नए सबसक्राइबर जुड़ेंगे, जो पिछले साल के 10 लाख की तुलना में ज्यादा होंगे।’

मोहंती ने कहा कि एपीवाई की जगह एनपीएस इसलिए भी असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिएआकर्षक विकल्प है।

First Published : October 6, 2023 | 11:17 PM IST