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घरेलू डेट बाजार में सितंबर में शुद्ध निवेश चालू वित्त वर्ष के निचले स्तर पर पंहुचा

24 सितंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक डेट में एफपीआई का प्रवाह 125 करोड़ रुपये रहा, जो अगस्त में 7,645 करोड़ रुपये था।

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- September 25, 2023 | 9:43 PM IST

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का घरेलू डेट बाजार में सितंबर में शुद्ध निवेश चालू वित्त वर्ष के निचले स्तर पर पहुंच गया। अमेरिकी ट्रेजरी के प्रतिफल में बढ़ोतरी के बाद भारत सरकार के पेपर्स की तुलना में स्प्रेड कम होने के कारण ऐसा हुआ है।

24 सितंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक डेट में एफपीआई का प्रवाह 125 करोड़ रुपये रहा, जो अगस्त में 7,645 करोड़ रुपये था।
इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच डेट सिक्योरिटीज में एफपीआई प्रवाह 3052 करोड़ रुपये था, जबकि पिछले साल की समान अवधि में आउटफ्लो 1,232 करोड़ रुपये था।

2023 में उन्होंने 28,341 करोड़ रुपये भारत के डेट बाजार में अब तक डाले हैं। यह पिछले 6 साल में सबसे अधिक है। ऋणात्मक मार्च के बाद इस वित्त वर्ष के सभी 6 महीनों में आवक धनात्मक रही है।

सितंबर में एफपीआई का प्रवाह कमजोर रहने की वजह बताते हुए आईडीबीआई बैंक में ट्रेजरी के प्रमुख अरुण बंसल ने कहा, ‘वैश्विक प्रतिफल बढ़ रहा है। ऐसे में कारोबार कम लुभावना है। भारतीय व वैश्विक प्रतिफल के बीच स्पेड दरअसर कम हुआ है। इस समय अवमूल्यन की भी उम्मीद की जा रही है। मुद्रा मजबूत नहीं हो रही है। ऐसे में उन्हें इच्छा के मुताबिक मुनाफा नहीं हो रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘निकट भविष्य में बांड समायोजन नहीं होने जा रहा है। यह अगले साल जून में होगा। हम यह कह सकते हैं कि प्रतिफल की ऊपरी सीमा कहीं 7.25 से 7.30 प्रतिशत के स्तर तक सीमित रहेगी। यह इसके ऊपर नहीं जाएगी क्योंकि सरकारी बॉन्डों की शुद्ध आपूर्ति अगली छमाही में बहुत कम है।’

मौजूदा कार्यक्रम के मुताबिक केंद्र सराकर बॉन्ड की बिक्री के माध्यम से चालू वित्त वर्ष में कुल 15.43 लाख करोड़ रुपये जुटाएगी। इसमें से करीब 42 प्रतिशत राशि अक्टूबर मार्च की अवधि में जुटाने की योजना है।

First Published : September 25, 2023 | 9:43 PM IST