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अधिग्रहण व मार्जिन की चिंता से Maruti पर असर!

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को उम्मीद है कि मारुति वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान अपनी बाजार हिस्सेदारी 42 प्रतिशत के स्तर पर कायम रखेगी।

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राम प्रसाद साहू   
Last Updated- August 02, 2023 | 10:38 PM IST

देश की सबसे बड़ी यात्री वाहन विनिर्माता मारुति सुजूकी इंडिया (Maruti Suzuki India) का स्टॉक वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में मार्जिन दबाव, बाजार हिस्सेदारी के मिश्रित दृष्टिकोण और सुजूकी मोटर गुजरात की खरीद के कारण कमाई के असर से कारोबार में 1.06 प्रतिशत नीचे था।

हालांकि एमएसआईएल ने सुजूकी मोटर गुजरात का अधिग्रहण करने और अनुबंध विनिर्माण समझौता समाप्त करने का निर्णय लिया है, लेकिन भुगतान की मात्रा और प्रकार (नकद / इक्विटी स्वैप) तय नहीं किया गया है।

अगर इसके लिए नकद विकल्प चुना जाता है, तो वित्त वर्ष 25 में एमएसआईएल की प्रति शेयर आय में 3.5 से चार प्रतिशत की कमी आएगी क्योंकि यह सौदा चालू वित्त वर्ष के आखिर तक पूरा होने की उम्मीद है।

इक्विटी स्वैप की तुलना में नकद भुगतान बेहतर विकल्प

ब्रोकरेज का मानना है कि शेयरधारकों के लिए इक्विटी स्वैप की तुलना में नकद भुगतान बेहतर विकल्प है। इनक्रेड इक्विटीज के प्रमोद आमथे का कहना है कि मारुति की नकदी की स्थिति के मद्देनजर हमें लगता है कि नकद भुगतान उपयोगी रहेगी, जबकि शेयर स्वैप से इक्विटी में पांच प्रतिशत की कमी आ सकती है। इस अधिग्रहण से कंपनी के नियोजित पूंजी अनुपात पर प्रतिफल में सुधार में मदद मिलेगी क्योंकि ट्रेजरी निवेश का प्रतिफल कम है।

कंपनी के वॉल्यूम और बाजार हिस्सेदारी में देखी जा सकती है बढ़ोतरी 

शेयर के संबंध में अन्य कारकों में वॉल्यूम का परिदृश्य और कंपनी की मार्जिन में सुधार की क्षमता शामिल है। इस परिदृश्य पर ब्रोकरेज फर्मों की मिली-जुली राय है। कुछ शोध फर्मों का कहना है कि हाल ही में नई गाड़ियों की शुरुआत (जिम्नी, फ्रोंक्स, इनविक्टो) और अच्छी ऑर्डर बुक को देखते हुए कंपनी के वॉल्यूम और बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी देखी जा सकती है।

उम्मीद है कि यात्री वाहन उद्योग बेहतर प्रदर्शन करेगा, जो वित्त वर्ष 24 के दौरान पांच से सात प्रशित के दायरे में बढ़ने की उम्मीद है। जेएम फाइनैंशियल रिसर्च के विवेक कुमार और रौनक मेहता का कहना है कि लगातार दो वर्षों तक बाजार हिस्सेदारी में गिरावट के बाद हमारा मानना है कि एमएसआईएल नई गाड़ियों की शुरुआत की वजह से बाजार हिस्सेदारी में सुधार के कगार पर है।

हालांकि अन्य कंपनियों का मानना है कि एसयूवी के मोर्चे पर लाभ अन्य कारकों से बेअसर हो जाएगा। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को उम्मीद है कि कंपनी वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान अपनी बाजार हिस्सेदारी 42 प्रतिशत के स्तर पर कायम रखेगी।

स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल और सीएनजी खंड में प्रतिस्पर्धियों ने प्रतिस्पर्धा को बढ़ा दिया है, जबकि एमएसआईएल की पाइपलाइन में कोई नई गाड़ी नहीं है।

विश्लेषकों का मानना है कि एसयूवी में यह बढ़त छोटी कारों की मांग में कमी से बराबर हो सकती है। जुलाई के आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि यूटिलिटी वाहनों में 166 प्रतिशत की बढ़त की भरपाई यात्री कारों की बिक्री में 27 प्रतिशत की गिरावट से हो गई है।

First Published : August 2, 2023 | 10:38 PM IST