facebookmetapixel
CBIC ने दी चेतावनी, GST के फायदों की अफवाहों में न फंसे व्यापारी…वरना हो सकता है नुकसान‘Bullet’ के दीवानों के लिए खुशखबरी! Royal Enfield ने 350 cc बाइक की कीमतें घटाईUrban Company IPO: ₹1,900 करोड़ जुटाने के लिए खुला आईपीओ, लंबी अवधि के लिए निवेशक करें सब्सक्रिप्शनबर्नस्टीन ने स्टॉक पोर्टफोलियो में किया बड़ा फेरबदल: HDFC Bank समेत 5 नए जोड़े, 6 बड़े स्टॉक बाहरनिर्यातकों से लेकर बॉन्ड ट्रेडर्स तक: RBI पर हस्तक्षेप करने का बढ़ता दबावJP Associates के लिए $2 अरब की बोली Vedanta के लिए ‘क्रेडिट निगेटिव’Airtel से लेकर HDFC Bank तक मोतीलाल ओसवाल ने चुने ये 10 तगड़े स्टॉक्स, 24% तक मिल सकता है रिटर्नबाबा रामदेव की FMCG कंपनी दे रही है 2 फ्री शेयर! रिकॉर्ड डेट और पूरी डिटेल यहां देखेंभारत-अमेरिका फिर से व्यापार वार्ता शुरू करने को तैयार, मोदी और ट्रंप की बातचीत जल्दGold-Silver Price Today: रिकॉर्ड हाई के बाद सोने के दाम में गिरावट, चांदी चमकी; जानें आज के ताजा भाव

विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर सितंबर में 5 महीने के निचले स्तर पर

विनिर्माण क्षेत्र का पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सितंबर में गिरकर 57.5 पर आ गया, जो अगस्त में 58.6 पर था।

Last Updated- October 03, 2023 | 9:57 PM IST
manufacturing PMI

भारत में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर सितंबर महीने में 5 माह के निचले स्तर पर रही है। हालांकि महंगाई के बढ़े दबाव के बीच मांग और उत्पादन में उल्लेखनीय सुधार आया है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसऐंडपी ग्लोबल के एक सर्वे में यह सामने आया है।

विनिर्माण क्षेत्र का पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सितंबर में गिरकर 57.5 पर आ गया, जो अगस्त में 58.6 पर था। 50 अंक से ऊपर प्रसार और इससे नीचे का अंक गतिविधियों में संकुचन दिखाता है। ऐसे में विनिर्माण पीएमआई 5 माह के निचले स्तर पर है, लेकिन यह 50 अंक के बहुत ऊपर बना हुआ है।

एसऐंडपी ग्लोबल मार्किट इंटेलिजेंस की इकनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पॉलियाना डी लीमा ने कहा, ‘भारत में विनिर्माण उद्योग में सितंबर में थोड़ी सुस्ती के संकेत मिल रहे हैं। यह प्राथमिक रूप से नए ऑर्डर में कमजोर वृद्धि की वजह से हुआ है, जिसके कारण उत्पादन में वृद्धि थोड़ी सुस्त हुई। हालांकि मांग और उत्पादन दोनों ही उल्लेखनीय रूप से तेज है। फर्में भी एशिया, यूरोप, उत्तर अमेरिका और पश्चिम एशिया के ग्राहकों से मिलने वाले काम से उल्लेखनीय लाभ उठा रही हैं।’

डी लीमा ने कहा, ‘पीएमआई के आंकड़ों से संकेत मिलते हैं कि उत्पादन लागत में ठोस वृद्धि हुई है। यह लागत के उल्लेखनीय दबाव के बावजूद हुआ है। इससे आने वाले महीनों में बिक्री प्रभावित हो सकती है।’ सर्वे में कहा गया है कि सितंबर के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत के वस्तुओं के उत्पादकों को हाल में लागत में हुई बढ़ोतरी से जूझना पड़ा है।

सर्वे में कहा गया है, ‘अगस्त में एक साल के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद महंगाई दर 3 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थी। पैनलिस्टों ने संकेत दिए कि तांबे, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट, फूडस्टफ, लोहा और स्टील के लिए ज्यादा भुगतान करना पड़ा, वहीं तेल और एल्युमीनियम की कीमत कम रही।’ श्रम की लागत ज्यादा होने और मांग मजबूत होने के कारण भारत के विनिर्माताओं द्वारा लिए जाने वाले औसत दाम में मजबूत और तेज दर से बढ़ोतरी हुई और यह दीर्घावधि औसत से ऊपर निकल गया।

विनिर्माताओं को भरोसा था कि अगले 12 महीने में उत्पादन की मात्रा बढ़ेगी, क्योंकि 2023 मंं कुल मिलाकर सकारात्मक धारणा बन रही है। ग्राहकों के रुख में उत्साह, विज्ञापन और क्षमता में विस्तार से आशावाद को बल मिला है।

सर्वे में कहा गया है, ‘उत्पादन और मांग में तेजी के सकारात्मक परिदृश्य की वजह से एक और दौर में विनिर्माण उद्योग में नौकरियों का सृजन हुआ है। अगस्त से ही रोजगार में वृद्धि हो रही है और यह ऐतिहासिक मानकों के मुताबिक मजबूत है।’

First Published - October 3, 2023 | 9:28 PM IST

संबंधित पोस्ट