26 विपक्षी दलों के गठबंधन ‘INDIA’ के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर (Manipur Violence) के मैदानी और पहाड़ी इलाकों का दौरा करेगा। शनिवार से शुरू होने वाली दो दिन की यात्रा के दौरान सांसद राहत शिविर जाएंगे और सभी तबकों के नेताओं के साथ मुलाकात भी करेंगे।
गुरुवार को इंडियन नैशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलाएंस (इंडिया) के सदस्यों ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक का भी बहिष्कार किया। इंडिया के सदस्यों का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में मणिपुर हिंसा पर कोई बयान नहीं दे रहे हैं इसलिए वे इसकी मुखालफत करेंगे।
कांग्रेस के जयराम रमेश, राष्ट्रीय जनता दल की मीसा भारती, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और भारत राष्ट्र समिति (भारस) के केशव राव बैठक में शामिल नहीं हुए। भारस इंडिया की घटक दल नहीं है मगर उसने महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर इस गठबंधन का समर्थन किया है।
मणिपुर मुद्दे और अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच तीखी नोकझोंक
बुधवार को विपक्षी दलों के सदस्यों ने नए व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक के मसौदे को अपनाने का विरोध किया और सूचना प्रौद्योगिकी पर स्थायी समिति की बैठक का भी बहिष्कार कर दिया।
20 जुलाई को विपक्षी दलों के नेताओं ने मणिपुर मुद्दे और दिल्ली सेवा अध्यादेश को बदलने की सरकारी योजना विचाराधीन होने के बावजूद बीएसी की बैठक का बहिष्कार किया। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने सवाल उठाया कि विपक्षी दलों का अविश्वास प्रस्ताव लंबित है तो लोकसभा में अन्य विधेयकों पर कैसे चर्चा हो सकती है।
मणिपुर मुद्दे और अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच तीखी नोकझोंक के कारण गुरुवार को दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार स्थगित होती रही। रमेश ने कहा, ‘नियम और परंपरा के अनुसार, अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होने तक कोई भी विधायी कार्य नहीं किया जा सकता है।’