कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा गठित करने के मुद्दे पर चर्चा के लिए मंगलवार को बेंगलूरु में आयोजित बैठक (Opposition meeting) में 26 दल भाग लेंगे।
उधर, शाम तक भाजपा ने भी कहा कि मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक में 38 दल शामिल होंगे।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पार्टियां केवल सत्ता हासिल के लिए नहीं बल्कि लोकतंत्र की रक्षा करने, संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करने और संस्थानों की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए एक साझा उद्देश्य के साथ एकजुट हुई हैं।
दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि 38 दलों का यह गठबंधन सत्ता हासिल करने के लिए नहीं बल्कि लोगों की सेवा करने और एक मजबूत भारत को आकार देने के लिए है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 23 जून की पटना बैठक में 15 दलों के नेता शामिल हुए थे, मगर बेंगलूरु बैठक में 26 दल शामिल होंगे। इससे गठबंधन के बढ़ते आकार का पता चलता है। कांग्रेस ने कहा कि यह बैठक मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में नाटकीय बदलाव लाएगी। उसने कहा कि पटना बैठक ने भाजपा को बेचैन कर दिया था और इसलिए उसे मजबूरन राजग को मजबूत करने की कोशिश करनी पड़ रही है। पहले भाजपा सीना ठोककर कहती थी कि वह अपने दम पर विपक्ष को हरा सकती है।
नड्डा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुशासन और विकास के एजेंडे से प्रेरित किसी भी पार्टी का राजग में स्वागत है। भाजपा प्रमुख ने राजग का दायरा बढ़ने का श्रेय मोदी के मजबूत नेतृत्व और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस को दिया।
नड्डा से जब पूछा गया कि क्या शिरोमणि अकाली दल और राष्ट्रीय लोक दल भी राजग में शामिल हो सकते हैं तो उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा अपने पूर्व सहयोगियों के साथ अच्छा व्यवहार किया है और उसे उन तक पहुंचने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को याद रखना चाहिए कि 2023 में राजग की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ है। हाल में राजग में शामिल हुए कुछ लोगों के बारे में नड्डा ने कहा कि भाजपा का अंतिम उद्देश्य पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाना है और उसे पूरा करने के लिए पार्टी की रणनीति डायनेमिक है।
संयोग से, लोकसभा में 38 राजनीतिक दलों का एक या अधिक सीटों के साथ मौजूदगी है। फिलहाल दोनों मोर्चों में कुल 64 दल शामिल हैं। इनमें से कई ऐसी पार्टियां भी हैं जिनकी राज्यों में मौजूदगी है। ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) रविवार को भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में शामिल हो गई।
उत्तर प्रदेश में इसके छह विधायक हैं जिनमें सजायाफ्ता गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटे मऊ विधायक अब्बास अंसारी भी शामिल हैं।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओब्रायन ने कहा कि विपक्षी दलों ने कहानी गढ़ दी है और भाजपा उस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रही है। उन्होंने कहा कि 8 राजग दलों के पास एक भी सांसद नहीं है, 9 के पास एक और 3 के पास दो सांसद हैं। हालांकि संसद में सभी 26 विपक्षी दलों का प्रतिनिधित्व नहीं है।
नड्डा ने कहा कहा कि जनता ने तय कर लिया है कि वह 2024 में मोदी को वापस लाएगी। उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान का भी राजग में स्वागत किया।
बेंगलूरु में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार विपक्ष को चुप कराने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को अस्थिर करना इसका एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को सवाल पूछने से रोकने के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया है। कांग्रेस ने कहा कि गठबंधन का नाम अभी तय नहीं हुआ है।