समाधान पेशेवर (आरपी) ने मंगलवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (NCLT) को बताया कि एयरलाइन के पट्टादाताओं को उसके वित्तीय संकट का पता था, लेकिन उन्होंने पट्टे समाप्त करने का कदम तभी उठाया, जब एयरलाइन ने दिवालियापन के लिए आवेदन किया।
आरपी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रामजी श्रीनिवासन ने कहा कि एयरलाइन को विमान और इंजनों का पट्टा समाप्त करने से संबंधित नोटिस पहली बार 2 मई को मिला। यह वह तारीख थी जिस दिन एयरलाइन ने दिवालियापन के लिए आवेदन करने की अपनी योजना की घोषणा की।
एनसीएलटी गो फर्स्ट के विमान और इंजन पट्टादाताओं द्वारा अपनी परिसंपत्तियों को स्थगन अवधि से छूट दिए जाने की मांग के साथ दायर किए गए आवेदनों की सुनवाई कर रही थी। इंजन पट्टादाताओं एसएमबीसी और इंजन लीज फाइनैंस बीवी ने मंगलवार को अपने तर्क पेश किए। पट्टादाताओं ने अदालत को बताया कि उन्होंने रोक अवधि शुरू होने से पहले पट्टे समाप्त किए थे।
पंचाट ने तब एक पट्टादाता से पूछा था कि क्या पट्टा समाप्ति की वैधता पर अदालत द्वारा निर्णय लिए जाने की जरूरत है। पंचाट ने कहा कि वह पट्टा समाप्ति नोटिस की वैधता पर नहीं जा सकता, जब पट्टादाता ने इसके लिए अनुरोध नहीं किया हो। पट्टादाता ने पंचाट को बताया, ‘दिवालिया प्रक्रिया ‘टर्मिनेशन नोटिस’ का कारण नहीं है। पट्टों की समाप्ति अधिस्थगन से बाहर थी।’ इस मामले की सुनवाई 22 सितंबर को भी होगी।
दिवालियापन के लिए गो फर्स्ट का आवेदन एनसीएलटी द्वारा 10 मई को स्वीकार किया गया था। इसके बाद स्थगन अवधि लागू की गई, जिसका मतलब था कि पट्टादाता अपने विमान को वापस नहीं ले सकते थे।