केंद्र सरकार ने एयर कंडीशनर (AC) और एलईडी लाइट के लिए उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना में कुछ बदलाव किए हैं। इस योजना का काम-काज सरल बनाने और कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए ये बदलाव किए गए हैं। बुधवार को जारी एक आधिकारिक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई। एसी और एलईडी आम बोलचाल में ‘व्हाइट गुड्स’ भी कहे जाते हैं।
जिन बदलावों की घोषणा की गई है उनमें पात्रता निर्धारण के लिए निवेश से जुड़े नियम, प्रोत्साहन आवंटित करने के लिए दावा सौंपने की समय सीमा में बढ़ोतरी, प्रशासनिक मंत्रालय को विनिर्माण संयंत्रों का दौरा करने की अनुमति, अतिरिक्त विनिर्माण संयंत्र लगाने की अवधि बढ़ाना आदि शामिल हैं। ये बदलाव लाभार्थियों एवं उद्योग संघों से आए विभिन्न सुझवों के आधार पर किए गए हैं।
डीपीआईआईटी द्वारा जारी संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार दावे के लिए पात्रता एवं प्रोत्साहन की रकम का आवंटन परियोजना निगरानी एजेंसियों (पीएमए) द्वारा किया जाएगा। ये एजेंसियां योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संभालती हैं।
बयान में कहा गया है कि स्वयं के इस्तेमाल या समूह की कंपनियों को आपूर्ति के मामले में मूल्य निर्धारित करने के लिए तुलनात्मक अनियंत्रित मूल्य (सीयूपी) की जगह ‘कॉस्ट-प्लस’ विधि अपनाई जाएगी।
योजना की अवधि के दौरान मौजूदा बैंक गारंटी की अवधि समाप्त होने से पहले यह आगे बढ़ा दी जाएगी। अब तक इस प्रावधान की अनुमति नहीं दी गई थी। प्रोत्साहन आवंटित करने से संबंधित दावा संबंधित वित्त वर्ष में 31 अक्टूबर के बजाय 15 जनवरी तक करना होगा। अतिरिक्त स्थान की जानकारियां सभी संबंधित दस्तावेज के साथ 2 वर्ष के बजाय अब 3 वर्ष की अवधि तक सौंपी जा सकती हैं।