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त्योहारी तैयारी से वाहन को रफ्तार

Last Updated- December 14, 2022 | 10:31 PM IST

अटकी हुई मांग और त्योहारी सीजन की शुरुआत के कारण सितंबर में कार एवं यूटिलिटी वाहनों की थोक बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम की ओर से आज जारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में यात्री वाहनों की थोक बिक्री 26.5 फीसदी बढ़कर 2,72,027 वाहन हो गई। ग्रामीण, कस्बाई एवं छोटे शहरों से कार और प्रवेश स्तर के स्पोट्र्स यूटिलिटी व्हीकल्स की मांग में लगातार तेजी बनी हुई है।
सायम के अध्यक्ष केनिची आयुकावा को उम्मीद जताई है कि त्योहारी सीजन के दौरान मांग में उल्लेखनीय तेजी दिखेगी लेकिन मांग में सुधार की वास्तविक तस्वीर त्योहारी सीजन के खत्म होने के बाद ही दिख पाएगी। उन्होंने कहा, ‘यह देखने की जरूरत है कि त्योहारी सीजन के बाद क्या होता है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि मांग आगे भी बरकरार रहेगी।’
त्योहारी सीजन से पहले कंपनियां और डीलर इन्वेंटरी तैयार करने में लगे हैं। त्योहारी सीजन सितंबर से शुरू होकर दिसंबर के अंत में खत्म होता है। आमतौर पर भारतीय लोग इस अवधि को कार एवं बाइक सहित उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की खरीदारी के लिए शुभ मानते हैं। अक्टूबर से दिसंबर की अवधि में त्योहारों के दौरान खुदरा बिक्री बढऩे की उम्मीद में वाहन निर्माता अपने स्टॉक बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं। यही कारण है कि यूटिलिटी व्हील्स की फैक्टरियों से आपूर्ति 24.5 फीसदी बढ़कर 96,633 वाहन हो गई। इस दौरान फैक्टरियों से यात्री कारों का उठाव 28.9 फीसदी बढ़कर 1,63,981 वाहन हो गया। मारुति सुजूकी, हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड और किआ मोटर्स इंडिया लिमिटेड जैसी प्रमुख वाहन कंपनियां बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए अपने वाहनों का स्टॉक बढ़ा रही हैं जिससे थोक बिक्री में तेजी दिख रही है।
वाहनों की थोक बिक्री में वृद्धि की एक वजह पिछले साल की समान अवधि का कमजोर आधार भी है। उस दौरान आर्थिक नरमी और उत्सर्जन मानदंड में बदलाव के कारण वाहन कंपनियों ने मांग में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की थी। मॉनसूनी बारिश के सामान्य रहने से भी ग्रामीण बाजार में मांग को रफ्तार मिलनी चाहिए। आयुकावा ने कहा, ‘दूसरी तिमाही में सुधार के कुछ संकेत दिखे हैं। यात्री वाहन और दोपहिया वाहन श्रेणियों में स्थिति काफी सकारात्मक है लेकिन पिछले साल का आधार भी काफी कमजोर रहा है। हम कल से शुरू होने वाले त्योहारी सीजन में अच्छी मांग की उम्मीद कर रहे हैं। वाहन ऋण पर ब्याज दर भी 8 फीसदी से कम है जो पिछले एक दशक का सबसे निचला स्तर है। इससे नए वाहन खरीदने के लिए ग्राहकों को प्रोत्साहित होना चाहिए।’ दोपहिया श्रेणी में स्कूटर की बिक्री 0.08 फीसदी की मामूली वृद्धि के साथ 55,66,205 वाहन हो गया जबकि मोटरसाइकिल की बिक्री 17.3 फीसदी बढ़कर 12,24,117 वाहन हो गया। ग्रामीण एवं कस्बाई बाजारों में प्रवेश स्तर की मोटरसाइकिल की मांग में सुधार दिखने से बिक्री को रफ्तार मिली। महीने के दौरान दोपहिया वाहनों की कुल बिक्री 11.6 फीसदी बढ़कर 18,49,546 वाहन हो गई।

मोपेड की बिक्री बढ़ी
दोपहिया वाहनों में ग्रामीण क्षेत्र में केंद्रित मोपेड की बिक्री में सितंबर महीने के दौरान सबसे अधिक तकरीबन 20.33 प्रतिशत तक का इजाफा दर्ज किया गया है।
सायम के अनुसार मोपेड की कुल घरेलू बिक्री (टीवीएस मोटर्स मोपेड की इकलौती विनिर्माता है) 57,283 इकाइयों से बढ़कर 68,929 इकाइयों तक पहुंच चुकी है। इस तरह इसमें 20.33 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इस महीने में दोपहिया वाहनों की कुल घरेलू बिक्री 16,56,658 इकाइयों से बढ़कर 18,49,546 इकाई हो गईहै। इसमें 11.64 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अप्रैल से सितंबर की अवधि के दौरान मोपेड की घरेलू बिक्री 3,32,284 इकाइयों के मुकाबले 24.41 प्रतिशत घटकर 2,51,166 इकाई रह गई थी। अप्रैल से सितंबर के दौरान दोपहिया श्रेणी में 38.28 प्रतिशत तक की गिरावट के साथ वाहनों की बिक्री 59,83,678 इकाई रह गई थी, जबकि एक साल पहले यह संया 96,95,638 इकाई थी।

First Published - October 17, 2020 | 12:39 AM IST

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