वित्त वर्ष 2021 के लिए दोपहिया निर्यात में गिरावट (18-21 प्रतिशत पर) घरेलू उद्योग की रफ्तार के अनुकूल रहेगी। चूंकि दोपहिया निर्यात का भारतीय ओईएम के लिए कुल दोपहिया बिक्री में सिर्फ 16-18 प्रतिशत योगदान है, इसलिए यह समान अवधि के दौरान घरेलू बिक्री के लिहाज से भरपाई के लिए पर्याप्त नहीं होने का अनुमान है। इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च (इंड-रा) के अनुसार, दोपहिया निर्यात बिक्री वित्त वर्ष 2022 में 18 प्रतिशत तक बढऩे की संभावना है।
रेटिंग एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोपहिया निर्यात बिक्री वित्त वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में मजबूत रहेगी।
उद्योग को कोविड-19 संक्रमण के साथ साथ कच्चे तेल की कीमतों में कमजोरी की वजह से वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में अस्थायी झटकों का सामना करना पड़ा और इससे भारत के लिए प्रमुख निर्यातक देशों की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुईं। इसके अलावा राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन, और आपूर्ति शृंखला तथा लॉजिस्टिक संबंधी समस्याओं से निर्यात बिक्री प्रभावित हुई। तब से भारत का दोपहिया निर्यात घरेलू बाजारों में वृद्घि के अनुरूप है और सितंबर तथा अक्टूबर 2020 में वित्त वर्ष 2020-अक्टूबर वित्त वर्ष 2021 में सर्वाधिक मासिक बिक्री दर्ज की गई। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘वित्त वर्ष 2021 के शेष हिस्से और वित्त वर्ष 2022 में निर्यात की रफ्तार बरकरार रहेगी और इसे खासकर निर्यातक देशों के कम पैठ स्तर, वाणिज्यिक वाहन बेड़े के तौर पर इस्तेमाल के लिए मांग, कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता, सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के अभाव की वजह से मदद मिलेगी।’
सायम के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से अक्टूबर 2020 के दौरान दोपहिया का निर्यात 29.27 प्रतिशत तक घटकर 14,77,091 वाहन रह गया जो एक साल पहले 20,88,380 वाहन था। स्कूटर निर्यात 234,481 के मुकाबले 55.80 प्रतिशत तक घटकर 103,652 वाहन रह गया, जबकि मोटरसाइकिल निर्यात 18,45,667 से 25.80 प्रतिशत घटकर 13,69,502 रह गया। सितंबर-अक्टूबर 2020 के दौरान मासिक बिक्री पिछले दो वित्त वर्षों में सर्वाधिक रही थी। इसे मुख्य रूप से प्रमुख बाजारों में धीरे धीरे आ रहे सुधार और कच्चे तेल तथा विदेशी मुद्रा कीमतों में स्थायित्व से मदद मिली। लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और एशिया में प्रमुख निर्यातक बाजारों में कोविड-पूर्व निर्यात स्तरों का 80-90 प्रतिशत सुधार दर्ज किया है। वित्त वर्ष 2011 से वित्त वर्ष 2020 के दौरान दोपहिया निर्यात 9.7 प्रतिशत की सालाना चक्रवृद्घि दर से बढ़ा, जबकि घरेलू बाजारों में यह वद्घि 4.5 प्रतिशत रही, क्योंकि प्रमुख ओईएम ने घरेलू बाजारों में प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए अपनी उपस्थिति को विविध बनाने के लिए निर्यातक बाजारों पर ध्यान देना शुरू किया। वित्त वर्ष 2021 में भी, निर्यात 18 प्रतिशत की घरेलू दोपहिया बिक्री गिरावट के मुकाबले 7 प्रतिशत की दर से बढ़ा है।
भारत मुख्य तौर पर अफ्रीकी, एशियाई और लैटिन अमेरिकी देशों के लिए दोपहिया का निर्यात करता है और वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही में इन देशों के लिए निर्यात योगदान 37.5 प्रतिशत, 22.9 प्रतिशत और 21.4 प्रतिशत रहा। वहीं नाईजीरिया, कोलंबिया, नेपाल, बांग्लादेश और फिलीपींस का वित्त वर्ष 2020 के कुल निर्यात में करीब 50 प्रतिशत का योगदान रहा। नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों में दोपहिया की पहुंच 5 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है।
जहां कोविड-19 की वजह से अफ्रीकी क्षेत्र में अल्पावधि में मोटरबाइक टैक्सियों की मांग घट सकती है, वहीं इंड-रा का मानना है कि सार्वजनिक परिवहन के लिए बढ़ेगा और इस क्षेत्र में अन्य वाणिज्यिक गतिविधियां मध्यावधि में बनी रहेंगी।
