आर्थिक गतिविधि में अहम योगदान रखने वाले वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में सुधार आ रहा है। ट्रांसपोर्टरों और ट्रक निर्माताओं का कहना है कि इसे कृषि क्षेत्र और खनन एवं निर्माण क्षेत्र से मांग से मदद मिल रही है। विश्लेषकों का कहना है कि कुछ हद तक, बिक्री को इन्वेंट्री में वृद्घि और कंपनियों द्वारा छूट दिए जाने से भी मदद मिल रही है।
टाटा मोटर्स, अशोक लीलैंड, वोल्वो आयशर कमर्शियल व्हीकल्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) समेत चार प्रमुख कंपनियों की संयुक्त बिक्री सितंबर में पिछले साल के समान महीने के मुकाबले 2.3 प्रतिशत घटकर 53,505 वाहन रह गई। यह गिरावट इन कंपनियों द्वारा अगस्त में सालाना आधार पर दर्ज की गई 17 प्रतिशत और जून एवं जुलाई की गिरावट के मुकाबले काफी कम है।
अगस्त और सितंबर के शुरू में पूरे देश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ीं, क्योंकि मोबिलिटी, लॉजिस्टिक और विद्युत खपत से जुड़े संकेतकों से सुधार का पता चलता है। हालांकि यह सुधार कोविड से पहले के स्तरों से नीचे बना हुआ है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने वित्त वर्ष 2021 में दो अंक की गिरावट की आशंका बनी हुई है।
पदानुक्रम में चौथी सबसे बड़ी कंपनी भारत बेंज मासिक आंकड़े प्रकाशित नहीं करती है और वह सिर्फ सालाना आधार पर रिपोर्ट जारी करती है। भारत बेंज ब्रांड के तहत ट्रकों की बिक्री करने वाली डेमलर इंडिया कमर्शियल व्हीकल्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी सत्यकाम आर्य का कहना है कि वह बिक्री में आई ताजा तेजी से उत्साहित हैं। जर्मन कंपनी की स्थानीय इकाई ने सितंबर में खुदरा बिक्री में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की।
आर्थिक गतिविधि में गंभीर दबाव की वजह से, महामारी से पहले भी भारत में ट्रकों की बिक्री में कमी आई थी। मझोले एवं भारी ट्रकों की बिक्री के लिए गिरावट का दबाव सबसे पहले दर्ज किया गया और इसमें सुधार सबसे बाद में दिखने की आशंका है।
आर्य ने कहा, ‘आर्थिक गतिविधि के अनुरूप मांग में सुधार आ रहा है। अनलॉकिंग और गतिविधि सामान्य होने से हम सामान की ढुलाई के लिए मांग बढऩे की उम्मीद कर रहे हैं।’ यह खनन एवं निर्माण सेगमेंटों और ई-कॉमर्स में गतिविधियों पर केंद्रित है। जहां ई-कॉमर्स की वजह से लंबी डिलिवरी के लिए छोटे और हल्के ट्रकों की बिक्री बढ़ी है, वहीं फसल की बंपर पैदावार से भी कृषि क्षेत्र से मझोले और भारी वाणिज्यिक ट्रक सेगमेंट में मांग बढ़ी है। इससे कई कंपनियों के लिए गिरावट सीमित हुई है। आर्य को सीवी बाजार चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक पिछले साल के बिक्री स्तर पर पहुंच जाने की संभावना है।
