अक्टूबर में ट्रैक्टर की बिक्री (निर्यात समेत) करीब 9 फीसदी बढ़कर एक साल पहले के 1,13,638 वाहन के मुकाबले 1,23,883 वाहन हो गई। सालाना आधार पर हालांकि बढ़त की रफ्तार कम रही है। कंपनियों ने कहा कि अक्टूबर में आपूर्ति के मुकाबले मांग ज्यादा रही और त्योहारी सीजन में ठीक-ठाक संख्या में ग्राहक पहुंचे। क्रिसिल के विश्लेषक को उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष में ट्रैक्टर की बिक्री की रफ्तार 10 से 12 फीसदी रहेगी जबकि पहले इसमें 1 फीसदी की कमी का अनुमान था।
ट्रैक्टर ऐंड मैकेनाइजेशन एसोसिएशन (टीएमए) के आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर में हुई 1,23,883 वाहनों की बिक्री में से 8,728 ट्रैक्टर निर्यात के शामिल हैं। अक्टूबर में उत्पादन 1,08,873 ट्रैक्टरों का हुआ, जो एक साल पहले की समान अवधि में 68,454 रहा था। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के अध्यक्ष (फार्म इक्विपमेंट सेक्टर) हेमंत सिक्का ने कहा, हमें लगातार अप्रत्याशित खुदरा मांग देखने को मिल रही है, जो उच्च खरीफ उत्पादन व बाजार में अच्छे नकदी प्रवाह की उमम्मीद में थोक आंकड़ों से बेहतर रहने की संभावना है। आगामी त्योहारी दिवस और खरीफ की कटाई व रबी की बुआई के सीजन में मशीनों की जरूरत उद्योग के लिए बेहतर साबित होगा।
कंपनी ने अक्टूबर में महिंद्रा व स्वराज ब्रांड के 45,588 ट्रैक्टर देसी बाजार में बेचे, जो पिछले साल के मुकाबले 2 फीसदी ज्यादा है। निर्यात बाजार में इनकी बिक्री 970 ट्रैक्टरों की रही, जो पिछले साल के मुकाबले 23 फीसदी ज्यादा है।
एस्कॉट्र्स के एग्री मशीनरी क्षेत्र ने अक्टूबर में 13,664 ट्रैक्टर बेचे, जो कंपनी की अक्टूबर बिक्री का सर्वोच्च आंकड़ा है और पिछले साल के मुकाबले इसमें 2.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई। अक्टूबर में देसी ट्रैक्टर बिक्री 13,180 रही, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 1.1 फीसदी ज्यादा है।
कंपनी ने कहा कि पूरी क्षमता से परिचालन के बावजूद आपूर्ति के मुकाबले मांग ज्यादा रही, जिसके कारण इन्वेंट्री में सामान्य से कम ट्रैक्टर रहे। नवरात्रि व दशहरा में खासे ग्राहक आए।
