ईलॉन मस्क ने बुधवार को कहा कि उन्होंने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर खरीदा क्योंकि उन्हें इसे चलाना था और इसे चलाना ‘तकलीफ भरा’ रहा है।
मस्क ने BBC के साथ इंटरव्यू में कहा कि चूंकि उन्होंने पिछले साल 44 अरब डॉलर के लिए मंच खरीदा था, विज्ञापनदाता या तो वापस आ गए हैं या उन्होंने कहा है कि वापस आएंगे।
मस्क ने यह भी कहा कि जब उन्होंने कंपनी की कमान संभाली थी, तब इसमें केवल 8,000 कर्मचारी थे और कर्मचारियों की संख्या घटकर 1,500 रह गई हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को नौकरी से निकालना “बिल्कुल मज़ेदार नहीं है” और कभी-कभी यह “तकलीफ भरा” हो सकता है।
ट्विटर खरीदने के बाद से मस्क ने प्लेटफार्म में कई बड़े बदलाव किए हैं। उन्होंने अमेरिका से बाहर की कम्युनिकेशन टीम समेत पूरी टीमों को बंद कर दिया है।
कुछ मामलों में छंटनी अचानक हुई और लोगों ने खुद को अपने आधिकारिक ईमेल खातों से लॉग आउट पाया। मस्क ने इंटरव्यू में इस बात को स्वीकार किया और कहा कि वह हर किसी को व्यक्तिगत रूप से फायर नहीं करते हैं।
मस्क ने कहा, “इतने सारे लोगों के साथ आमने-सामने बात करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि ट्विटर का लक्ष्य “सबसे एक्यूरेट” प्लेटफार्म होना है जो यह हो सकता है।
यह पूछे जाने पर कि अगर कोई उन्हें 44 अरब डॉलर में ट्विटर को खरीदने की पेशकश करता है तो क्या वह अब बेच देंगे, मस्क ने कहा कि वह ऐसा नहीं करेंगे।
मस्क ने यह भी कहा कि ट्विटर पर लीगेसी वेरिफाइड ब्लू टिक अगले सप्ताह तक हटा दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी सोशल मीडिया कंपनी जिसने सत्यापन के लिए भुगतान नहीं किया है, उन्हें AI जैसी चीजों के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
मस्क ने यह भी कहा कि वह अपने लोगों को जेल भेजने के बजाय भारत के कानून का पालन करेंगे क्योंकि देश में “सख्त सोशल मीडिया कानून” हैं।