रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म जैसे ड्रीम 11, मोबाइल प्रीमियर लीग और विंजो आदि पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने के बाद कैजुअल गेमिंग स्टूडियो एवं प्रकाशकों को तगड़ा फायदा पहुंच सकता है। मगर प्रतिबंध लगने के बाद गेमिंग उद्योग कारोबार सिकुड़ने का भी डर बढ़ गया है। आरएमजी क्षेत्र से जुड़े लोगों ने कहा कि प्रतिबंध के बाद कैजुअल, मेडिकोर और ‘एएए’ गेम की तरफ लोगों का झुकाव बढ़ सकता है। ये सभी गेम कम पेचीदा होते हैं और इन्हें खेलने में समय भी अधिक नहीं लगता है। ये विज्ञापन एवं ऐप में खरीदारी (इन-ऐप पर्चेज) से हासिल होने वाले राजस्व पर निर्भर रहते हैं। लूडो किंग (गेमेशन), रियल क्रिकेट (नॉटिलस मोबाइल), इंडस बैटल मोबाइल (सुपरगेमिंग), और राजीः एन अन्सिएंट एपिक (नोडिंग हेड्स गेम्स) जैसे लोकप्रिय टाइटल को बढ़ावा मिलने का अनुमान है।
एक कैजुअल गेमिंग कंपनी के संस्थापक ने कहा, ‘मुझे कोई कारण नहीं दिख रहा कि आरएमजी के लोग हमारे साथ प्रतिस्पर्धा क्यों नहीं कर सकते क्योंकि उनके पास एक नकदी का विशाल भंडार है। लेकिन, क्या वे उस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं? यदि वे चाहते तो वे अब तक कर चुके होते।’ गेमेशन के लूडो किंग, नॉटिलस मोबाइल का रियल क्रिकेट, सुपरगेमिंग का इंडस बैटल रॉयल और नोडिंग हेड्स गेम्स के राजीः एन अन्सिएंट एपिक जैसे गेम आने वाले समय में अधिक लोकप्रिय हो सकते हैं। कैजुअल गेमिंग कंपनियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रियल मनी गेमिंग कंपनियां इस खंड में उतरेंगी और ई-स्पोर्ट्स या शूटर गेम में निवेश करने के लिए अपने मजबूत नकदी भंडार का भरपूर इस्तेमाल करेंगी।
हालांकि, जानकारों का कहना है कि लूडो, पोकर या रम्मी जैसे रियल मनी गेम खेलने वाले 45 करोड़ भारतीयों में सभी के लिए कैजुअल गेमिंग में रातों रात उतरने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। एक जानकार ने कहा, ‘अब आगे यह देखना है कि क्या गेमिंग उद्योग के लिहाज से क्या कुछ बदलता है? इससे किसे फायदा होता है? अब हमारे ऊपर कुछ अच्छे गेम तैयार करने की जिम्मेदारी है जो दर्शकों को पसंद आए और मनोरंजन के नजरिए से अंतर की भरपाई करें।‘
आरएमजी पर प्रतिबंध ऐसे समय में लगाया गया है जब कई भारतीय स्टूडियो, प्रकाशक और गेम डेवलपर जर्मनी में वैश्विक गेमिंग मेले गेम्सकॉम में एकत्र हुए हैं। कार्यक्रम में भाग लेने वालों में से एक ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘चीन के गेम गेमप्ले, ग्राफिक्स और विकास के मामले में बहुत आगे हैं। एक उद्योग के रूप में और एक राष्ट्र के रूप में उस स्तर तक पहुंचने में हमें कुछ वर्षों का समय लग सकता है।‘
गुरुवार को संसद में पारित ऑनलाइन गेमिंग संवर्द्धन एवं विनियमन विधेयक पारित हो गया। इस विधेयक में ई-स्पोर्ट्स, शैक्षणिक गेम और सामाजिक गेमिंग को बढ़ावा दिए जाने का प्रावधान है। यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम, इंटरएक्टिव एंटरटेनमेंट ऐंड इनोवेशन काउंसिल और विंजो द्वारा तैयार एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में केवल 1,500 प्रतिस्पर्द्धी ई-स्पोर्ट्स खिलाड़ी सक्रिय हैं।
रिपोर्ट के अनुसार खेलों की यह श्रेणी वीडियो गेमिंग का एक एक रूप है जहां व्यक्तिगत खिलाड़ी या टीमें विशिष्ट खिताब के लिए समर्पित औपचारिक प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं। इनमें बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया (बीजीएमआई), लीग ऑफ लीजेंड्स, वैलोरेंट, कॉल ऑफ ड्यूटी जैसे गेम शामिल हैं।
आरएमजी पर प्रतिबंध से 400 से अधिक इकाइयों में 2 लाख से अधिक कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में हैं। आरएमजी उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि कैजुअल गेमिंग कंपनियों में भी रोजगार के अवसर मौजूद हैं लेकिन रोजगार का पैमाना सीमित रहता है और ये बड़े पैमाने पर ग्राफिक्स या विकास जैसे विशिष्ट क्षेत्र पर केंद्रित होते हैं।