प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में भारत सेमीकंडक्टर मिशन (India Semiconductor Mission – ISM) के तहत चार नए सेमीकंडक्टर निर्माण प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है। इन परियोजनाओं पर कुल मिलाकर ₹4,600 करोड़ का निवेश होगा और ये 2034 कुशल पेशेवरों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेंगे, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्षेत्र में हजारों अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन भी करेंगे।
SiCSem Private Limited, ब्रिटेन की Clas-SiC Wafer Fab Ltd. के साथ साझेदारी में भुवनेश्वर के इन्फो वैली में सिलिकॉन कार्बाइड आधारित कंपाउंड सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करेगी।
3DGS भुवनेश्वर में वर्टिकली इंटीग्रेटेड एडवांस्ड पैकेजिंग यूनिट लगाएगी जो ग्लास इंटरपोजर और 3D हेटेरोजीनियस इंटीग्रेशन (3DHI) जैसे अत्याधुनिक तकनीकों पर आधारित होगी।
ASIP Technologies, दक्षिण कोरिया की APACT Co. Ltd. के साथ साझेदारी में 96 मिलियन यूनिट्स सालाना की क्षमता वाला यूनिट लगाएगा।
Continental Device India Limited (CDIL) मोहाली स्थित अपनी मौजूदा फैक्ट्री को अपग्रेड करेगा।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि अब तक ISM के तहत 6 राज्यों में कुल 10 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिल चुकी है, जिनमें ₹1.60 लाख करोड़ से अधिक का निवेश शामिल है। इनमें देश का पहला कंपाउंड सेमीकंडक्टर फैब और ग्लास सब्सट्रेट आधारित पैकेजिंग यूनिट शामिल हैं।
सरकार द्वारा 278 अकादमिक संस्थानों और 72 स्टार्टअप्स को डिज़ाइन इंफ्रास्ट्रक्चर दिया गया है, और 60,000 से अधिक छात्र इस मिशन के तहत प्रशिक्षित हो चुके हैं। इससे भारत न केवल विनिर्माण में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में भी बड़ी भूमिका निभाएगा।