ग्रामीण बाजार पर केंद्रित मोपेड की बिक्री रफ्तार अगस्त में भी न केवल बरकरार रही बल्कि इसने दोपहिया श्रेणी की बिक्री में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की है।
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम के अनुसार, मोपेट की कुल बिक्री (केवल टीवीएस मोटर ही मोपेड बनाती है) अगस्त 2020 में 25.65 फीसदी बढ़कर 70,126 वाहन हो गई। एक साल पहले की समान अवधि में मोपेड की कुल बिक्री 55,812 वाहन रही थी। गौरतलब है कि जुलाई में मोपेड की बिक्री में 14 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी जबकि जून में बिक्री में 22 फीसदी की गिरावट आई थी।
विश्लेषकों का कहना है कि बिक्री को मुख्य तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास पर सरकारी खर्च के अलावा अच्छे मॉनसून एवं अच्छी बुवाई से रफ्तार मिली। ग्रामीण बाजार में कमजोर धारणा के कारण जून तक मोपेड की बिक्री पर दबाव बरकरार रहा क्यों उस दौरान अक्सर मॉनसून में देरी की आशंका बनी रहती है। इसके अलावा बीमा प्रीमियम में वृद्धि के कारण भी लागत बढ़ गई थी। इससे ऑन रोड कीमत में 12 फीसदी का इजाफा हो गया था। इसके अलावा सस्ते मोटरसाइकिल श्रेणी में कंपनियों द्वारा दी जा रही भारी छूट से भी मोपेड की बिक्री प्रभावित हुई।
बहरहाल, जून के बाद अच्छे मॉनसून और अच्छी बुवाई के कारण स्थिति बदल गई और ग्रामीण बाजार में सकारात्म धारणा पैदा हुई जिससे मोपेड की बिक्री को बल मिला। कंपनी ने दावा किया है कि इकोथ्रस्ट फ्यूल इंजेक्शन (ईटी-एफआई) तकनीकी के कारण भी मोपेड के प्रदर्शन और ईंधन कुशलता में सुधार हुआ है।
कंपनी के प्रबंधन ने हाल में निवेशकों के साथ एक बातचीत में कहा था कि ईटी-एफआई प्रौद्योगिकी के कारण मोपेड को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। इससे ग्राहकों को काफी फायदा हुआ है और 15 फीसदी ईंधन कुशलता भी सुनिश्चित हुई है। दोपहिया वाहन बनाने वाली देश की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी टीवीएस मोटर मोपेड की एकमात्र विनिर्माता है। इससे पहले हीरो और काइनेटिक भी इस श्रेणी में मौजूद थीं लेकिन कुछ साल पहेल दोनों कंपनियां इस श्रेणी से बाहर हो गई थीं।