प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
मर्सिडीज बेंज इंडिया सितंबर से अपनी गाड़ियों के दाम में 1 से 1.5 फीसदी तक की बढ़ोतरी करने जा रही है। कंपनी के MD और CEO संतोष अय्यर ने बताया कि यूरो के मुकाबले रुपये की गिरावट की वजह से यह कदम उठाया जा रहा है। इस साल कंपनी ने पहले ही जनवरी और जुलाई में दो बार कीमतें बढ़ाई हैं।
अय्यर ने कहा कि पिछले एक महीने से यूरो के मुकाबले रुपये का मूल्य 100 के आसपास स्थिर है। इस वजह से सितंबर में कीमतों में बढ़ोतरी जरूरी हो गई है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि कीमतों में यह बढ़ोतरी मामूली होगी और इसका ज्यादा असर बिक्री पर नहीं पड़ेगा। उनका कहना है कि हाल में ब्याज दरों में कमी से कस्टमरों की मासिक किस्तों (EMI) पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा। कंपनी की 80 फीसदी नई गाड़ियां फाइनेंस के जरिए बिकती हैं, और EMI को स्थिर रखने की कोशिश की गई है ताकि कीमत में बढ़ोतरी का असर कम हो।
अय्यर ने बताया कि बाजार में लग्जरी कारों की मांग अभी भी बनी हुई है। देश की अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी के साथ लोग लग्जरी गाड़ियां खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कस्टमर समझते हैं कि रुपये की कीमत में उतार-चढ़ाव कंपनी के नियंत्रण से बाहर है। इसके अलावा, कंपनी को सप्लाई चेन में किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ रहा है। अय्यर ने बताया कि जर्मनी के स्टटगार्ट में कंपनी के सहयोगियों ने सप्लाई चेन को अच्छे से संभाला है और भारत में पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। इससे रेर अर्थ मैग्नेट्स की कमी जैसी समस्याओं का असर कंपनी पर नहीं पड़ा है।
उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक समस्याओं और अन्य चुनौतियों के कारण इस साल कंपनी की बढ़ोतरी स्थिर रह सकती है। जहां पैसेंजर वाहन मार्कट में 2-3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं लग्जरी कार सेगमेंट में 5-6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अय्यर ने कहा कि वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में यह बढ़ोतरी पॉजिटिव है। उन्होंने यह भी बताया कि सामान्य वाहनों की औसत बिक्री कीमत नियमों के कारण और लग्जरी गाड़ियों की कीमत मुद्रा में उतार-चढ़ाव के कारण बढ़ रही है।