कर्नाटक सरकार ने साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों से निपटने और राज्य के डिजिटल बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को लेकर जागरूकता, कौशल निर्माण, सार्वजनिक-निजी भागीदारी और प्रौद्योगिकी एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को एक व्यापक साइबर सुरक्षा नीति-2024 की शुरुआत की है।
सरकार इस नीति को सुचारू रूप से लागू करने और साइबर सुरक्षा का ढांचा विकसित करने के लिए अगले पांच साल में 103 करोड़ रुपये अधिक राशि खर्च करेगी। अधिकारियों ने बताया कि यह नीति जागरूकता तथा शिक्षा, कौशल निर्माण, उद्योग तथा स्टार्टअप को बढ़ावा देने, क्षमता निर्माण के लिए साझेदारी व सहयोग जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है।
उन्होंने बताया कि इस नीति को पांच वर्ष के लिए लागू करने का वित्तीय व्यय करीब 103.87 करोड़ रुपये है। इसे सूचना प्रौद्योगिकी व जैव प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के बजटीय आवंटन से पूरा किया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि इसमें से 23.74 करोड़ रुपये प्रोत्साहन तथा रियायतें प्रदान करने पर खर्च किए जाएंगे।
कर्नाटक सरकार ने साइबर सुरक्षा कौशल और डिजिटल सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए भी महत्त्वपूर्ण पहल का ऐलान किया है। राज्य सरकार ने साइबर सुरक्षा कौशल विकास के लिए 40,000 युवाओं को प्रशिक्षण देने की रणनीति बनाई है। इसके लिए सिस्को के साथ समझौता किया गया है। इस कार्यक्रम में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज तथा सूचना प्रौद्योगिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा, ‘कर्नाटक सरकार ने साइबर सुरक्षा के बढ़ते महत्त्व को समझते हुए हमारे नागरिकों तथा उद्यमों के लिए जुझारु और सुरक्षित साइबरस्पेस बनाने के लिए इस नीति को सावधानीपूर्वक तैयार किया है।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के अनुरूप यह नीति साइबर खतरों से निपटने में कर्नाटक के सक्रिय रुख को दर्शाती है।