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JSW लाएगी इलेक्ट्रिक कार! 15 से 20 लाख रुपये हो सकता है दाम

MG Motor में हिस्सा खरीदने की दौड़ में कंपनी, तकनीकी साझेदारी के लिए कई से बात

Published by
देव चटर्जी   
शाइन जेकब   
Last Updated- August 30, 2023 | 10:09 PM IST

जेएसडब्ल्यू समूह भी इले​क्ट्रिक कार बाजार में उतरने की तैयारी कर रहा है। योजना की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि समूह की प्रवर्तक इकाई देसी बाजार में 15 से 20 लाख रुपये दाम वाली इले​क्ट्रिक कार उतारने के लिए चीन की कई ई-कार कंपनियों से बात कर रही है।

सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाला जेएसडब्ल्यू समूह इसके लिए एमजी मोटर इंडिया में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदने की बात भी कर रहा है। एमजी मोटर भारतीय बाजार में 23.28 लाख रुपये कीमत वाली ‘एमजी जेडएस’ ईवी और 9.98 लाख रुपये दाम वाली छोटी इलेक्ट्रिक कार ‘कॉमेट’ उतार चुकी है।

सूत्र ने कहा कि बातचीत सफल रही तो एमजी मोटर के चीनी प्रवर्तक कंपनी में अल्पांश हिस्सेदारी ही रखेंगे। बातचीत में कंपनी का मूल्य 1.2 अरब से 1.5 अरब डॉलर आंका जा रहा है। जेएसडब्ल्यू समूह के प्रवक्ता से संपर्क किया गया मगर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

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एमजी मोटर का अ​धिग्रहण ई-वाहन कारोबार में उतरने के लिए जेएसडब्ल्यू की मुख्य योजना है। इस अ​धिग्रहण से उसके पास पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहन भी आ जाएंगे। मामले से वाकिफ एक सूत्र ने बताया, ‘एमजी मोटर से सौदा नहीं हो पाया तो समूह की दूसरी योजना भी तैयार है। जेएसडब्ल्यू फिलहाल एमजी मोटर के साथ बातचीत पूरा होने का इंतजार कर रहा है। एमजी मोटर का कारखाना हलोल में है, जहां सालाना 1.50 लाख कार बन सकती हैं। विस्तार के लिए कंपनी को नए कारखाने की जरूरत होगी, इसलिए फोर्ड का चेन्नई कारखाना खरीदने में उसने दिलचस्पी दिखाई है।’

जिंदल ने पहली बार 2017 में अपनी सूचीबद्ध इकाई जेएसडब्ल्यू एनर्जी के ज​रिये ईवी कारोबार में उतरने की योजना बनाई थी। लेकिन कुछ शेयरधारकों की आप​त्ति की वजह से इस योजना को टाल दिया गया था। सूत्रों ने कहा कि नई पीढ़ी के खरीदारों के बीच मांग बढ़ने के बावजूद पिछले 5 साल में कोई भी भारतीय कंपनी ई-कार श्रेणी में तेजी से आगे नहीं बढ़ी है। सूत्र ने कहा, ‘जेएसडब्ल्यू समूह को लगता है कि उद्योग की कोई भी बड़ी कंपनी जरूरी बड़े कदम नहीं उठा रही है और कुछ ईवी तो पेट्रोल-डीजल कारों में इंजन आदि मे तब्दीली करके बना दिए गए हैं।’

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश में 18,917 ई-कार बिकीं, जिनमें सबसे ज्यादा 10,846 कार टाटा मोटर्स ने बेचीं। 1,902 ई-कार बेचकर एमजी मोटर्स दूसरे नंबर पर रही। भारत में सालाना 40 लाख यात्री वाहन बिकते हैं, जिनका आंकड़ा 2030 तक बढ़कर दोगुना होने की संभावना है।

सूत्र ने कहा, ‘समूह को लगता है कि 2030 में बिकने वाली 80 लाख कारों में कम से कम 30 फीसदी हिस्सा ईवी और हाइड्रोजन या वैक​ल्पिक ईंधन से चलने वाली कारों का होगा। इसलिए समूह को यह बड़ा मौका लग रहा है और उसने तकनीकी साझेदार जुटाने की कोशिश शुरू कर दी है। मुनाफा देने और बड़ी संख्या में बनने वाली 15 से 20 लाख रुपये कीमत की इलेक्ट्रिक कार के लिए चीन वाला मॉडल ही सही था।’

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एमजी मोटर का अधिग्रहण करते ही जेएसडब्ल्यू ईवी बाजार में दाखिल हो जाएगी। इलेक्ट्रिक कार बनाने के लिए नया कारखाना लगाना पड़ा तो कम से कम दो साल लग जाएंगे। एमजी मोटर के साथ सौदे में देर होती देखकर जेएसडब्ल्यू ने फोर्ड का चेन्नई संयंत्र खरीदने की बात शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार ओला इलेक्ट्रिक, ह्युंडै मोटर इंडिया, टाटा मोटर्स और एमजी मोटर ने भी पिछले दो साल में यह कारखाना खरीदने के लिए कई बार फोर्ड प्रबंधन से बात की है।

अमेरिका की दिग्गज कंपनी फोर्ड ने सितंबर 2021 में भारत से अपना कारोबार समेटने और गाड़ियां बनाना बंद करने का ऐलान किया था। एक सूत्र ने बताया कि जेएसडब्ल्यू समूह के साथ इस कारखाने की बात हो रही है। फोर्ड इंडिया के अधिकारियों ने कहा, ‘हम चेन्नई संयंत्र के लिए विकल्प तलाश रहे हैं।’ मगर उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं बताया। फोर्ड का चेन्नई कारखाना 350 एकड़ में फैला है और इसमें हर साल करीब 2 लाख वाहन तथा 3.40 लाख इंजन बन सकते हैं।

First Published : August 30, 2023 | 10:09 PM IST