facebookmetapixel
Groww IPO Allotment Today: ग्रो आईपीओ अलॉटमेंट आज फाइनल, ऐसे चेक करें ऑनलाइन स्टेटस1 अक्टूबर से लागू Tata Motors डिमर्जर, जानिए कब मिलेंगे नए शेयर और कब शुरू होगी ट्रेडिंगStock Market Today: ग्लोबल मार्केट से मिले-जुले संकेतों के बीच कैसी होगी आज शेयर बाजार की शुरुआत?अगर अमेरिका ने Google-Meta बंद किए तो क्या होगा? Zoho के फाउंडर ने बताया भारत का ‘Plan B’Stocks To Watch Today: Swiggy, HAL, Patanjali Foods समेत इन 10 दिग्गज कंपनियों से तय होगा आज ट्रेडिंग का मूडजियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसी

भारत में कार पर अधिक कराधान

Last Updated- December 15, 2022 | 1:33 AM IST

दुनिया भर में वाहनों पर लगने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के समतुल्य कराधान, मूल्यवद्र्धित कर (वैट) की तुलना भारत से करें तो पता चलता है कि यहां की कर दरें दुनिया के अधिकतर देशों के मुकाबले अधिक है। भारत में कार और दोपहिया वाहनों पर जीएसटी की दर 28 फीसदी और 3 से 22 फीसदी के दायरे में उपकर लगाया गया है जिससे प्रभावी कर की दर बढ़कर 50 फीसदी तक पहुंच जाती है। जीएसटी को जुलाई 2017 में लागू किया गया था जिसमें उत्पाद शुल्क, वैट और मनोरंजन कर सहित अप्रत्यक्ष करों को समाहित किया गया है।
मोटर वाहन पर जीएसटी की दर को लेकर भारत में वाहन कंपनियों और नीति निर्माताओं के बीच अक्सर गतिरोध बरकरार रहता है। पिछले सप्ताह यह मुद्दा फिर सुर्खियों में था। वित्त मंत्रालय के एक अनाम अधिकारी ने वाहन उद्योग द्वारा प्रस्तुत दरों में कटौती के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उस अधिकारी ने प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि वर्तमान कर व्यवस्था के तहत मोटर वाहन पर जीएसटी की दरें पूर्ववर्ती वैट एवं उत्पाद शुल्क की दरों के मुकाबले कम हैं। बिक्री पूर्वानुमान एवं बाजार अनुसंधान फर्म आईएचएस मार्किट के सहायक निदेशक पुनीत गुप्ता ने कहा, ‘भारत में वाहन की कुल स्वामित्व लागत विश्व के अन्य प्रमुख बाजारों में सबसे अधिक है। भारत फिलहाल पांचवां सबसे बड़ा बाजार है लेकिन यह मुख्य तौर पर कम कीमत वाले वाहनों द्वारा संचालित होता है क्योंकि बड़ी कारों पर कराधान काफी अधिक है। यहां के परिवारों में वाहनों के मुकाबले कारों की पहुंच 33/1,000 है और 2050 तक इसे बढ़कर 110 कार प्रति 1,000 वाहन तक पहुंचने की उम्मीद है।’
कमजोर बिक्री ओर वैश्विक महामारी के कारण के मद्देनजर वाहन विनिर्माता पिछले एक साल से जीएसटी दर में कटौती करने की मांग कर रहे हैं। हाल में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरमैन शेखर विश्वनाथन ने देश में अव्यवहार्य कर ढांचे का उल्लेख करते हुए इसे युक्तिसंगत बनाने पर जोर दिया था। मारुति सुजूकी इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी केनिचि आयुकावा ने वाहन उद्योग के वार्षिक सम्मेलन में शुल्क घटाकर मांग को रफ्तार देने की बात कही थी।
इस विषय पर हो रही चर्चा के मद्देनजर अन्य देशों के कर ढांचे पर गौर करना आवश्यक होगा। इसकी सटीक तुलना करने के लिए अध्ययन में वाहन को शोरूम छोडऩे से पहले लगाए गए करों को शामिल किया गया है और खरीद के बाद खरीदारों द्वारा वहन किए जाने वाले शुल्कों पर भी गौर किया गया है जिसमें पंजीकरण शुल्क, सड़क शुल्क, बीमा शुल्क एवं स्वामित्व आदि शामिल हैं।
हरेक देश- कोरिया, चीन, रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, फ्रांस और जर्मनी में बुनियादी वैट के अलावा अपना अगल कराधान ढांचा है जिसे कर दरों के अध्ययन के लिए यूरोपीयन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एससीईए) द्वारा संकलित किया गया है।

First Published - September 22, 2020 | 12:38 AM IST

संबंधित पोस्ट