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‘एआई विनियमन के लिए वैश्विक सहयोग जरूरी’ : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

मैग्ना-बोकोनी विश्वविद्यालय में ‘आर्थिक और जलवायु शक्ति में संतुलन’ विषय पर नेक्स्ट मिलान फोरम के पूर्ण सत्र में वित्तमंत्री ने AI पर अपनी बात रखी।

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- May 07, 2025 | 11:21 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी की तर्ज पर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) को विनियमित करने के लिए किसी एक ढांचे पर वैश्विक समझ होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘एआई और विनियमन हम सभी के लिए समझने और आगे बढ़ने का मसला बनने वाले हैं। ऐसा भी नहीं हो सकता कि कोई देश किसी निश्चित विनियामकीय ढांचे के जरिये एआई को संभालने का फैसला करे, मानो वह अन्य सभी देशों से स्वतंत्र हो।’

इटली के मिलान में औला

मैग्ना-बोकोनी विश्वविद्यालय में ‘आर्थिक और जलवायु शक्ति में संतुलन’ विषय पर नेक्स्ट मिलान फोरम के पूर्ण सत्र में उन्होंने आज कहा कि एआई के विकास के साथ ही विनियमन भी विकसित हो रहे हैं। विनियामकों को प्रौद्योगिकी के साथ बने रहना चाहिए और पीछे नहीं रहना चाहिए। सीतारमण ने भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता वार्ता के पूरी होने का स्वागत किया और कहा कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते सामान्य चीज होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘यह जरूरी है कि अपने व्यापार का विस्तार करने की प्रक्रिया में लगे देश समझौते करें और इसी रास्ते से हम अपने लिए निर्यात बास्केट का विस्तार कर सकते हैं।’

सीतारमण ने कहा कि भारत का लोकतंत्र तभी लाभदायक हो सकता है, जब लोगों को प्रशिक्षित किया जाए और उन क्षेत्रों में अवसरों का उपयोग करने के लिए तैयार किया जाए जिन पर ध्यान केंद्रित है। उन्होंने कहा, ‘हम डिजिटल अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम आर्टिफिशल इंटेलिजेंस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, हम यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि डीप टेक भी तेजी से बढ़े।’

First Published : May 7, 2025 | 10:52 PM IST