facebookmetapixel
MCap: टॉप 7 कंपनियों का मार्केट कैप ₹1.55 ट्रिलियन बढ़ा, रिलायंस-TCS के शेयर चमकेDelhi Weather Update: दिल्ली में हवा हुई जहरीली, AQI 325 तक पहुंचा – CM रेखा ने कहा, ‘क्लाउड सीडिंग जरूरी’सीनियर सिटीजन्स के लिए अक्टूबर में बंपर FD रेट्स, स्मॉल फाइनेंस बैंक दे रहे 8.15% तक ब्याजड्यू डिलिजेंस के बाद LIC ने किया अदाणी ग्रुप में निवेश, मंत्रालय का कोई हस्तक्षेप नहींकनाडा पर ट्रंप का नया वार! एंटी-टैरिफ विज्ञापन की सजा में 10% अतिरिक्त शुल्कदेशभर में मतदाता सूची का व्यापक निरीक्षण, अवैध मतदाताओं पर नकेल; SIR जल्द शुरूभारत में AI क्रांति! Reliance-Meta ₹855 करोड़ के साथ बनाएंगे नई टेक कंपनीअमेरिका ने रोका Rosneft और Lukoil, लेकिन भारत को रूस का तेल मिलना जारी!IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%

EV Sales: ई-वाहन बिक्री 10 लाख के पार पहुंची, ग्रीन मोबिलिटी की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा भारत

कुल EV बिक्री में इलेक्ट्रिक टु व्हीलर सेक्टर 61 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे

Last Updated- April 12, 2023 | 9:29 PM IST
EV subsidy and controversy
BS

भारत का इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उद्योग दोपहिया खंड की अगुआई में वित्त वर्ष 2023 के दौरान 10 लाख वाहन बिक्री के महत्त्वपूर्ण पड़ाव तक पहुंच गया है। उद्योग के संगठन सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) ने यह जानकारी दी है।

SMEV ने कहा कि हालांकि इलेक्ट्रिक दोपहिया खंड ने कुल 11,77,938 इलेक्ट्रिक वाहन बिक्री में 61 प्रतिशत की हिस्सेदारी की, लेकिन यह नीति आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों से काफी कम रहा है।

ई-दोपहिया खंड में उद्योग ने तेज-रफ्तार वाले दोपहिया (25 किमी प्रति घंटा से अधिक रफ्तार वाले) 7,26,976 वाहनों की बिक्री की, जबकि नीति आयोग ने वित्त वर्ष 23 में 10 लाख से अधिक ई-दोपहिया बिक्री का अनुमान लगाया था।

इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों की बिक्री 4,01,841 वाहनों के साथ 34 प्रतिशत पर दूसरे स्थान पर रही, जबकि चौपहिया वाहनों की बिक्री केवल चार प्रतिशत या 47,217 इकाई रही और इलेक्ट्रिक बसों की बिक्री 1,904 इकाइयों के साथ 0.16 प्रतिशत ही रही।

SMEV ने एक बयान में कहा कि ई-दोपहिया अपनाने में महीने-दर-महीने कमी हुई। नीति आयोग और विभिन्न अनुसंधान संगठनों द्वारा निर्धारित न्यूनतम लक्ष्य के मुकाबले सालाना 25 प्रतिशत से अधिक की कमी रही।

उद्योग के निकाय ने कहा कि ई-दोपहिया की बिक्री पर असर उपभोक्ता की मांग से नहीं पड़ा है, बल्कि 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी को अचानक रोक दिए जाने से हुआ, जिसका बोझ स्थानीयकरण में देरी के बहाने ज्यादातर मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) ने पहले ही ग्राहकों पर डाल दिया था।

SMEV के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने दावा किया कि संशोधित फेम2 का ई-दोपहिया अपनाने पर खासा असर पड़ा क्योंकि इससे उनकी कीमतों में लगभग 35 प्रतिशत तक की कमी आई।

First Published - April 11, 2023 | 7:26 PM IST

संबंधित पोस्ट